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- बिलिंग व गलत फिडिंग में छह करोड़ रुपये लैप्स कर जाने का मामला

- मेडिकल कॉलेज के लिपिक संजय व अस्पताल के कनिष्ठ लिपिक सुधीर से हुई पूछताछ

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कमीशन के खेल में साढ़े छह करोड़ रुपये लैप्स कर जाने के मामले में अब जांच कमेटी ही जांच के घेरे में आ गई है। शुक्रवार को कमिश्नर अनिल कुमार व एडी पेंशनर्स जयराम सिंह ने प्रिंसिपल ऑफिस में लैप्स बजट की जांच करने वाले दो सदस्यीय डॉक्टर की कमेटी को ही तलब कर लिया। इसी के साथ इससे संबंधित कॉलेज के लिपिक व अस्पताल के कनिष्ठ लिपिक से भी पूछताछ की। टीम ने जांच कमेटी से सौंपी गई रिपोर्ट के बारे में अहम जानकारी हासिल की।

हमने किया था खुलासा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गुरुवार को 'कमीशन के खेल में ली मासूमों की जान' हेडिंग से न्यूज पब्लिश किया। इसमें इस बात का खुलासा किया गया कि कैसे मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने कमीशन के चक्कर में साढ़े छह करोड़ रुपये लैप्स करा दिए। इतना ही नहीं, इसकी जांच भी हुई थी। जांच रिपोर्ट में जिक्र था कि कहां-कहां पर कॉलेज के लिपिक संजय व अस्पताल के कनिष्ठ लिपिक सुधीर ने चूक की है। इस खबर का संज्ञान लेते हुए अफसरों ने जांच शुरू कर दी। शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे कमिश्नर अनिल कुमार व एडी पेंशन जयराम सिंह, एडी हेल्थ पुष्कर आनंद, सीएमओ डॉ। रवींद्र कुमार ने जांच कमेटी के सदस्य रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ। ज्ञान चंद्र मौर्या और मेडिसीन विभाग के सह प्राचार्य डॉ। राजकिशोर के साथ डीडीओ डॉ। ओएन पांडेय को बुलाया। बजट कैसे लैप्स हुआ, समय से भुगतान क्यों नहीं हुआ? यह सभी सवाल पूछे। जांच कमेटी ने रिपोर्ट में कारण का जिक्र करते हुए जवाब दिया। इस दौरान डीडीओ से पूछताछ की गई तो वह पुराना मामला बताकर टालने लगे। लिपिक संजय कुमार त्रिपाठी और कनिष्ठ लिपिक सुधीर पांडेय से भी पूछताछ की गई।

सुबह से शाम तक पूछताछ

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ऑफिस में शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक डॉक्टर्स व कर्मचारियों से पूछताछ का दौर चलता रहा। इस बीच डॉ। पवन प्रधान, डॉ। अशोक यादव समेत अन्य डॉक्टर्स को भी बुलाया गया और उनसे विभागों की हकीकत के बारे में पूछताछ की गई। इसके अलावा कॉलेज के अकाउंटेंट से भी पूछताछ की गई। इस संबंध में कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ। पीके सिंह से बात की गई तो वह कुछ भी बोलने से कतराते रहे।