2012 से ही जर्जर इमारतों का सर्वे कर खाली कराने की घोषणा कर रहा है आरएमसी

हर साल की भांति इस साल भी शुरू हुआ नगर निगम का दौरा

क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रांची नगर निगम ने जर्जर इमारतों के सर्वे के नाम पर फिर से दिखावा पेश किया है. इसके तहत गुरुवार की सुबह 10 बजे नगर आयुक्त, डिप्टी सीईआ, डिप्टी मेयर व वार्ड 8 की पार्षद ने कोकर जतराटांड़ का दौरा किया. नगर आयुक्त ने कोकर पोस्ट ऑफिस और सरकारी होम्योपैथिक दवाखाना की स्थिति पर नाराजगी जताई और कहा कि भूकंप और भारी बारिश से पहले ऐसी जर्जर इमारतों और मकानों को खाली कराया जाना चाहिए. लेकिन दुख की बात यह है कि 2012 से लेकर अब तक नगर निगम सिर्फ घोषणा ही कर रहा है, जर्जर इमारतों का अब तक सर्वे हुआ ही नहीं है.

आरएमसी के पास जर्जर इमारतों की सूची तक नहीं

शहर में कई बार मानसून के समय जर्जर इमारतें गिरती रही हैं. लेकिन, रांची नगर निगम अब तक नहीं जागा. जबकि 12 अप्रैल 2012 से लेकर अब तक आरएमसी जर्जर मकानों का सर्वे करा कर उन्हें खाली करने की बात कहता रहा है. लेकिन, खाली कराने की बात तो दूर अब तक नगर निगम के पास जर्जर इमारतों की सूची तक नहीं है. जबकि नगर निगम नियमावली में जिक्र है कि हर मानसून के पहले शहर में जर्जर और लोगों के लिए खतरनाक बन चुके मकान व इमारतों का सर्वे करा कर उन्हें खाली कराना है. ताकि मानसून के समय भारी बरसात से इन इमारतों से किसी को कोई खतरा न हो. लेकिन रांची नगर निगम इसको लेकर कभी गंभीर नहीं दिखा. राजधानी रांची में सैकड़ों जर्जर इमारतें और भवन हैं, जो कभी भी धाराशायी हो सकती हैं. इसके बावजूद नगर निगम को एक भी जर्जर मकान शहर में नहीं दिखता.