- रिटायर्ड फार्मेसिस्ट पांच हजार रुपये देकर काम कराने के थे इच्छुक

- पांच हजार रुपये के नाम पर बिगड़ गया था बाबू, फेंक दी सर्विस बुक

- सर्विस बुक फेंकने के बाद बाबू को जेल भिजवाने की ठान ली थी

Meerut: जिस फार्मेसिस्ट ने पूरी मेहनत और लगन से सरकार की नौकरी करी हो, उस फार्मेसिस्ट के सामने ही उसकी सर्विस बुक यदि फेंक दी जाए तो कैसा बीतता है यह तो वह जान सकता है। जी हां जेपी गुप्ता की सर्विस बुक लेखाकार सतीश ने फेंक दी थी। उसने कहा था जब तक पैसे नहीं मिलेंगे तब तक पेंशन किसी भी सूरत में नहीं बनेगी। दरअसल लेखाकार पांच हजार रुपये देकर काम कराने के इच्छुक था, लेकिन जब सर्विस बुक फेंकी तब से ही सतीश के खिलाफ कार्रवाई कराने का मन जेपी गुप्ता ने बना लिया था।

खारिज किए पांच हजार

जेपी गुप्ता बिना रिश्वत दिए अपनी पेंशन बनवाना चाहते थे। जिसके चलते करीब एक साल से अधिक समय से एमडीए में स्थित पेंशन विभाग के चक्कर भी लगा रहे थे। जेपी गुप्ता ने बताया कि जब मुझे लगा कि बिना पैसे दिए पेंशन नहीं बनेगी तब मैंने पांच हजार रुपये सतीश गुप्ता को देने का मन बना लिया था। जिसके चलते पिछले सप्ताह पांच हजार रुपये लेकर सतीश के पास गया था, लेकिन उसने कहा कि आजकल पांच हजार रुपये चपरासी भी नहीं लेता है।

कानून की शरण में

जेपी गुप्ता ने बताया कि तीस हजार रुपये के बिना पेंशन बनाने से साफ मना किया और इस दौरान सर्विस बुक भी फेंक दी थी, जिसके बाद मुझे क्रोध आ गया और सतीश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने का मन बना लिया था। इसके लिए एंटी करप्शन टीम का सहारा भी लिया गया। जेपी गुप्ता ने बताया सबसे अधिक दुख तब हुआ जब उनकी सर्विस बुक उनकी आंखों के सामने फेंक दी गई। वह सीन वह कभी नहीं भूल पाएंगे क्योंकि उन्हें मेहनत और लगन के साथ काम किया।