होगा 'एक्टिवेशन कांट्रैक्ट'

पूरा मामला कुछ इस तरह का है। एमएसओ अपने एरिया के केबल ऑपरेटर को सेट टॉप बॉक्स बेचते वक्त चार फॉम्र्स भरने की औपचारिकता पूरी करता है। पहला फॉर्म एमएसओ अपने पास रखेगा। दूसरा फॉर्म केबल ऑपरेटर के पास रहेगा। तीसरा फॉर्म डिस्ट्रीब्यूटर के पास और फॉर्म की चौथी कॉपी कस्टमर की होगी। जिसे आपके इलाके का केबल ऑपरेटर कस्टमर को देता है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि ऐसा हो नहीं रहा है। केबल ऑपरेटर कस्टमर्स को उनके 'हकÓ की कॉपी दे नहीं रहे हैं। यह कस्टमर कॉपी असल में एमएसओ और कस्टमर के बीच एक तरह का कांट्रैक्ट फॉर्म होता है, जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि सेट टॉप बॉक्स हमेशा से ही एमएसओ की प्रॉपर्टी रहेगी।

 

जिस शहर का है वहीं चलेगा

एक और खास बात यह है कि सेट टॉप बॉक्स जिस शहर में खरीदा जायेगा वह वहीं एक्टिव होगा। शहर चेंज करने करने पर सेट टॉप बॉक्स काम नहीं करेगा। ऑपरेटर्स से मिली जानकारी के अनुसार हर बॉक्स का एक स्पेशल कोड होता है। सिर्फ इतना ही कि जिस एड्रेस पर सेट टॉप बॉक्स लगाया गया है, उससे इतर उसे दूसरी जगह लगाना कानूनन गलत होगा। यह किसी को ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकेगा।

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सेट टॉप बॉक्स का मार्केट रेट अधिक है। कंपनियां उसे सब्सिडाइज्ड रेट पर कस्टमर्स को उपलब्ध करा रही हैं। इसके लिए वे कस्टमर्स से एक तरह का कांट्रैक्ट कर रही हैं। कस्टमर्स को चाहिए कि वे सेट टॉप बॉक्स लेते समय रसीद व अपनी कॉपी जरूर लें। उसमें सारी बातें लिखी मिलेंगी।

एसएन शुक्ला, असिस्टेंट कमिश्नर, एंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट