मनरेगा से रोजगार दिलाने में रुचि नहीं ले रहे प्रधान एवं अधिकारी

फीरोजाबाद : गरीबों को गांव में ही सौ दिन रोजगार दिलाने के लिए चलाई जा ही मनरेगा जिले के कुछ गांवों में दम तोड़ती नजर आ रही है। सात हजार से अधिक ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें अभी तक 15 दिन भी काम नहीं दिया गया। ऐसे में इनके लिए योजना निरर्थक साबित हो रही है। डीएम ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई है।

योजनाओं का नहीं मिला लाभ

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना इसलिए चलाई जा रही है ताकि गांवों में विकास कार्य हों और उनमें ग्रामीणों की सहभागिता रहे। इस सहभागिता के बहाने गरीबों को रोजगार भी मुहैया होता है। भारत सरकार के निर्देश हैं प्रत्येक जॉब कार्डधारक परिवार को एक साल में सौ दिन कार्य उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए समय समय पर अभियान भी चलाए जाते हैं, लेकिन कुछ ग्राम प्रधानों एवं पंचायत सचिवों की ढिलाई के कारण ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।

काम करने के इच्छुक हैं लोग

पिछले दिनों हुई समीक्षा में ये बात सामने आई है कि जिले के 7278 परिवारों को अभी तक 15 दिन भी काम नहीं दिया गया है। जबकि पिछले साल ये परिवार 15 दिन से अधिक काम कर चुके हैं। इसका मतलब ये है कि ये परिवार मनरेगा में काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन उनसे काम कराया नहीं जा रहा। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे खुद गांवों में जाकर इन जॉबकार्ड धारकों से कार्य की मांग प्राप्त करें एवं अधिक से अधिक दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराएं। पीडी डीआरडीए सर्वेश चंद्र यादव का कहना है कि अब सिर्फ दो माह का समय बचा है। इसलिए कोशिश की जा रही है कि फरवरी मार्च में अधिक से अधिक दिन काम उपलब्ध कराया जाए।