-मुचकुंद दुबे का आरोप, सरकार ने लागू नहीं होने दी रिपोर्ट

श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

क्कन्ञ्जहृन्: बिहार सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन सूबे में 6 से 18 आयु वर्ग के 17 परसेंट बच्चे अब भी स्कूल से बाहर हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 12 परसेंट है। इन 17 परसेंट में से 11 परसेंट बच्चे एडमिशन के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया जबकि 6 परसेंट बच्चे एडमिशन तक भी नहीं पहुंच पाए। काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट, राइट टू एजूकेशन फोरम की ओर 'स्कूली शिक्षा से बाहर बच्चों का एक मूल आधार सर्वेक्षण' के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। बेस लाइन सर्वे पटना जिले में आने वाले फतुहा और बिहटा पर आधारित है। सोमवार को एनएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान के सभागार में रिपोर्ट पर परिचर्चा हुई। जिसमें यह बातें सामने आई।

रिपोर्ट नहीं हुई सार्वजनिक

पूर्व विदेश सचिव और शिक्षाविद् प्रो। मुचकुंद दुबे ने कहा बिहार में शिक्षा सुधार के लिए सीएम के निर्देश पर 2007 में कॉमन स्कूल सिस्टम कमीशन ने रिपोर्ट सौंपी। लेकिन आज तक वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी। यदि आयोग की रिपोर्ट उस समय लागू की गई होती तो दस वर्ष में शिक्षा में बड़ा सुधार हुआ होता। विधान पार्षद केदार पांडेय ने कहा कि समान स्कूल प्रणाली आयोग की रिपोर्ट यदि लागू की गई होती तो बिहार के शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन होता। रिपोर्ट में शिक्षा सुधार का बकायदा रोड मैप था। जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण भी था कि कहां कितने पैसे खर्च होंगे।

पांच राज्यों के ज्यादा

बच्चे स्कूल से बाहर

सीएसडी के निदेशक अशोक पंकज ने उपस्थित लोगों को जानकारी दी कि स्कूली शिक्षा से बाहर बच्चों के सर्वेक्षण में फतुहा और बिहटा के 15-15 गांवों को शामिल किया गया। कई जानकारियां सामने आई। सर्वेक्षण में ज्ञात हुआ कि स्कूल से बाहर बच्चों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। यहां 20 फीसद बच्चे स्कूल से बाहर हैं। बिहार दूसरे नंबर पर है। ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी कमोबेश यही हाल है। सेमिनार के दौरान इन वक्ताओं के साथ ही आरटीई के राष्ट्रीय समन्वयक अंबरीश राय, टंटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रो। पुष्पेंद्र, डॉ। सुमित्रा मित्रा और प्रो। डीएम दिवाकर ने भी विचार व्यक्त किए।

रिपोर्ट पर एक नजर

-जनगणना 2011 के मुताबिक 5-17 आयु वर्ग के देश में 8.40 करोड़ बच्चे स्कूली शिक्षा से बाहर।

- यह संख्या पश्चिमी यूरोप तथा अफ्रीका के अधिकांश देशों की आबादी से कहीं ज्यादा।

- एचआरडी मंत्रालय के 2014 के सर्वेक्षण के अनुसार 6-13 आयु के 60.65 लाख बच्चे स्कूल से बाहर।

- नमूना सर्वेक्षण 2014 की रिपोर्ट पर सीएसडी के आकलन के मुताबिक 6-14 आयु के 3.99 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर।

- कुल मिलाकर 6-18 आयु वर्ग के 12 फीसद बच्चे देश में स्कूल से बाहर पाए गए।

- आठ फीसद बच्चे स्कूल छोड़ने और चार फीसद बच्चों ने नामांकन ही नहीं कराया था।