-2017 में सामने आए कई बड़े मामले, प्रदेश सरकार व राजनेताओं की गलियारों में बनी रही हलचल

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD: साल 2017 में इलाहाबाद में कई बड़ी घटनाएं हुई। इन घटनाओं से पूरे साल न सिर्फ शहर बल्कि सूबे की सरकार तक हलचल मची रही। कभी डॉक्टर की तो कभी नेता की हत्या होती रही और आम पब्लिक का आक्रोश कानून व्यवस्था पर फूटता रहा। एक नजर कुछ ऐसी ही बड़ी घटनाओं पर

1. डॉ। बंसल की हत्या

12 जनवरी को हुई यह हत्या प्रदेश की सबसे बड़ी घटना कही जा सकती है। जाने-माने डॉक्टर एके बंसल की उनके चेम्बर में ही हत्या कर दी गई। बदमाशों ने शाम करीब छह बजे ताबड़तोड़ कई राउंड गोली मारकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। दु:साहस का आलम यह था कि फिर अपराधी पिस्टल लहराते हॉस्पिटल से फरार हो गए। इस घटना से जनपद ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश हिल गया। दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया। कई बड़े नेताओं का नाम इस मामले में आया, लेकिन आज भी यह डॉ। बंसल हत्याकांड एक अनसुलझी पहेली ही है।

2. बसपा नेता मो शमी की हत्या

हत्यारों ने 19 मार्च को उस वक्त मो शमी को मौत के घाट उतारा, जब वह अपने कार से घर पहुंचे थे। पहले से घात लगाए बदमाशों ने कई राउंड गोलियां चलाई, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय पब्लिक और परिवार वालों ने काफी हंगामा किया। पुलिस ने हत्यारोपी को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दी। आखिर पुलिस ने शूटर विमल गौड़, बलिकरन और अब्दुल रज्जाक को पकड़ लिया और मामले से पर्दाफाश किया।

3. जूड़ापुर में परिवार के चार की हत्या

यह प्रदेश का चर्चित हत्याकांड रहा। जूड़ापुर गांव में एक ही परिवार के चार सदस्यों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। इसमें परिवार के मक्खन लाल साहू, पत्नी मीरा देवी व दो बेटियां वंदना व निशा की मौत हो गई। महीनों इस घटना को लेकर हंगामा और बवाल चलता रहा। घटना के बाद मृतक की बेटी बबिता व बेटे रंजीत ने सरकार से सिटी में एक मकान और नौकरी की मांग की। सरकार के कई मंत्रियों ने आश्वासन दिया लेकिन कोई तक कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार किया।

4.

बसपा नेता राजेश यादव की हत्या

तीन अक्टूबर को एक बार फिर जनपद कानून व्यवस्था हिल गई। भदोही जनपद निवासी बसपा नेता राजेश यादव को ताराचंद हॉस्टल के अंदर गोली मार दी। वह अपने साथी व राज नर्सिग होम संचालक डॉ। मुकुल सिंह के साथ किसी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। उसी दौरान मामूली विवाद में कुछ युवकों ने उन पर फायर झोंक दिया। हत्या के बाद उनके समर्थकों व परिवार के लोगों ने जगह-जगह तोड़फोड़ व आगजनी की। परिवार की तरफ से मामले में डॉ। मुकुल सिंह को आरोपी बनाया गया। बाद में जांच और साक्ष्य के आधार पर उन्हें बारी कर दिया। हत्या में शामिल दो शूटर व मुख्य आरोपी अभिषेक सिंह को पकड़ कर जेल भेज दिया।

5. तीन जली लाशों का राज

इसी साल फरवरी माह में महाशिवरात्रि पर पडि़ला महादेव मंदिर से कुछ दूरी पर तकरीबन 65 वर्षीय एक दिव्यांग अपनी 55 साल की पत्नी व 22 साल की विवाहित बेटी के साथ गुरुवार को आया था। तीनों मंदिर के आसपास भीख मांगते हुए देखे गए थे। मंदिर से करीब 300 मीटर दूर खाली मैदान में आम के पेड़ के नीचे तीनों ठहरे हुए थे। भोजन के बाद तीनों वहीं सो गए। सुबह करीब पांच बजे ग्रामीण की नजर उठते धुएं पर गई। पास जाकर देखा तो तीनों की लाशें जल रही थीं। घटना को काफी दिन समय हो गए लेकिन आज तक पुलिस इस मामले का खुलासा नहीं कर सकी।