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KANPUR : कुंभ के दौरान भी गंगाजल साफ नहीं हो सका। गंगा में गिरने वाले चोर नालों ने जल की शुद्धता पर सवालिया निशान लगा दिया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्डकी इन नालों पर कराए गई मॉनिटरिंग की रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है। इसमें बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा मानक से कई गुना अधिक मिली है, जबकि डिसॉल्वड ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर बेहद कम पाया गया है। यह स्थिति तब है, जबकि जल निगम की ओर से काफी खर्च करके बायो रैमिडिएशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बोर्ड के अधिकारियों ने जल निगम को इस संबंध में पत्र भेजा है। बोर्ड द्वारा बिठूर, पांडु नदी और कानपुर के नालों की जांच की गई। बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी, कुलदीप मिश्र के मुताबिक जांच में गंगा जल मानक के विपरित पाया गया। इस संबंध में जल निगम को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।

कानपुर के नाले

नाले स्थिति पीएच डीओ बीओडी

परमिया अनटैप्ड 7.96 7.9 17

रानीघाट पार्शियली टैप्ड 7.66 8.4 86

टेफ्को टैप्ड 7.65 3.5 86

परमट टैप्ड 7.67 0 94

गुप्तार घाट अनटैप्ड 7.61 0 84

गोला घाट अनटैप्ड 7.41 0 62

सत्ती चौराहा अनटैप्ड 7.77 2.7 68

डबका अनटैप्ड 7.71 1.3 66

दूषित पानी के मानक

बीओडी - 30 मिलीग्राम प्रति लीटर

डीओ - 6 मिलीग्राम प्रति लीटर

स्नान के लिए तय मानक

बीओडी- 3 मिलीग्राम प्रति लीटर के बराबर या कम

डीओ- 5 मिलीग्राम प्रति लीटर के बराबर या अधिक