JAMSHEDPUR: शहर में रोशनी का त्योहार शब-ए-बरात मंगलवार की रात को पूरे अकीदत व एहतेराम के साथ मनाया गया। मुस्लिम इलाकों में हर तरफ रात भर चहल-पहल रही। इस मौके पर कब्रिस्तानों में बहार रही और मस्जिदें भी रात भर गुलजार रहीं। अकीदतमंदों ने अपने घरों में रोशनी की और कब्रिस्तान जाकर अपनों के ईसाल-ए-सवाब के लिए फातेहा पढ़ा। यही नहीं, मस्जिदों में अकीदतमंदों ने रात भर इबादत की।

खास नमाज पढ़ी गई

साकची कब्रिस्तान, धतकीडीह कब्रिस्तान, जुगसलाई कब्रिस्तान, जाकिर नगर कब्रिस्तान, बारीनगर कब्रिस्तान आदि में मगरिब की नमाज के बाद ही अकीदतमंदों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। एशा की नमाज तक यहां भारी मजमा जमा हो चुका था। लोग अपनों की कब्र पर रोशनी के लिए मोमबत्ती और खुशबू के लिए अगरबत्तियां जला रहे थे। कब्रिस्तानों में भी रोशनी की गई थी। एशा की नमाज के बाद मस्जिदों में इबादत का सिलसिला शुरू हुआ। मौलाना सैफुद्दीन असदक ने बताया कि बरात यानि यह निजात की रात है। इस दिन ईसाल-ए-सवाब करने से मरहूम को मगफिरत यानि निजात मिलती है। इस दिन अगर किसी मरहूम को अल्लाह तआला की तरफ से सजा मिल रही है और यहां कोई उसके लिए ईसाल-ए-सवाब करता है तो अल्लाह मरहूम की सजा माफ कर देता है। जाकिर नगर की जाफरी मस्जिद में शब-ए-बरात को लेकर आमाल हुआ यानि खास नमाज पढ़ी गई।

महफिल-ए-मिलाद आयोजित

जाकिर नगर की शिया जामा मस्जिद में 12 वें इमाम इमाम महदी अ। के जन्म दिन के मौके पर महफिल-ए-मिलाद आयोजित हुआ। इस महफिल में स्थानीय शायरों ने इमाम की शान में कसीदे पढ़े। सुबह की नमाज से पहले शियाओं ने स्वर्णरखा नदी में अपने इमाम को अरीजा (प्रार्थना पत्र) भेजा। इसमें लोग अपनी समस्याएं और मांग इमाम को लिख कर भेजते हैं। मस्जिद के पेश इमाम मौलाना सैयद मोहम्मद हसन रिजवी ने बताया कि 12 वें इमाम 15 शाबान को पैदा हुए थे। इसी के हवाले से दुनिया भर में शिया मुसलमान घरों में चिरागां करते हैं और खुशी मनाते हैं। इमाम अभी दुनिया में पोशीदा हैं और अल्लाह के हुक्म से जाहिर होकर दुनिया को इंसाफ से भरेंगे।

आतिशबाजी भी हुई

शबेबरात के मौके पर 12 वें इमाम हजरत महदी अ। की वेलादत के हवाले से पटाखे दागे गए और आतिशबाजी भी हुई। लोगों ने फुलझड़ी, अनार, हथफूल, चकरी आदि का लुत्फ उठाया।

49 छात्रों की दस्तारबंदी

मदरसा फैजुल उलूम का सालाना जलसा धतकीडीह कब्रिस्तान के बाहर संपन्न हुआ। इस जलसे में 19 हाफिज, 16 कारी और 14 आलिम की दस्तारबंदी हुई। मुफ्ती कासिम जलसे के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने अपने खिताब में कहा कि मुसलमानों को पैगंबर-ए-अकरम की सुन्नत पर अमल करते रहना चाहिए। साथ ही अपने बर्ताव में नरमी लाना चाहिए। जलसे में मौलाना मंजर मोहसिन हुसैनी, सलाहुद्दीन, नसीर अहमद कादरी, शमशेर रजा फैजी, कारी इसराइल अशरफी आदि ने भी महफिल को खिताब किया।

कर्बला में हुई फातेहाखानी

शब-ए-बरात पर बिष्टुपुर कर्बला में फातेहाखानी और कुरआनखानी हुई। शोहदा-ए-कर्बला कमेटी की तरफ से यहां रोशनी भी की गई। इस मौके पर यहां कमेटी के अब्बास अंसारी, अनवर अली आदि थे।

बेसहारा लोगों के लिए दुआ

शब-ए-बरात के मौके पर जाकिर नगर की वक्फ मुस्लिम कब्रिस्तान कमेटी की तरफ से नमाज मगरिब के बाद सामूहिक दुआ हुई। फातेहाखानी मौलाना सलात व सलाम के बाद मदीना मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती अब्दुल मालिक मिसबाही ने दुआ कराई। दुआ में वैसे महरूम की मगफिरत के लिए भी दुआ हुई जिनका अब इस दुनिया में कोई नहीं है। देश की खुशहाली और तरक्की के लिए भी दुआ हुई। कहा गया कि देश की एकता व भाईचारा कायम रहे।