JAMSHEDPUR: शाबान की 14 तारीख को यानि मंगलवार की रात शब-ए-बरात का त्योहार शहर में धूम-धाम और अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इस मौके पर पहले लोग कब्रिस्तान जाकर अपने मरहूमों की कब्र पर फातेहा पढ़ कर ईसाल-ए-सवाब करेंगे और इसके बाद मस्जिदों में जाकर रात भर इबादत करेंगे। सोमवार को लोगों ने हलवे पर अपने मरहूमों का फातेहा कर अरफा मनाया।

शब-ए-बरात की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए शहर की साकची, धतकीडीह, सोनारी, जुगसलाई, बर्मामाइंस आदि कब्रिस्तानों को खूब सजाया गया है। यहां और मस्जिदों में भी लाइटिंग की गई है। लोग मगरिब की नमाज पढ़ने के बाद कब्रिस्तान जाएंगे और वहां से लौटने के बाद मस्जिदों का रुख करेंगे। पैगंबर-ए-अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स। के सहाबा हजरत ओवेस करणी की नजर हलवे पर दिलाई जाएगी। उन्होंने पैगंबर-ए-अकरम के दांत शहीद होने की खबर मिलने पर अपने सारे दांत तोड़ दिए थे। 12 वें इमाम और खलीफा हजरत महदी अ। की वेलादत 15 शाबान को हुई थी। इमाम महदी अ। पैगंबर-ए-अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा स। के अहलेबैत में से हैं। इस हवाले से शिया मुसलमान शबे बरात में खुशी मनाते हैं। मिठाई पर नजर दिला कर इसे तकसीम किया जाता है। मस्जिद में नमाजों के बाद महफिल-ए-मिलाद का आयोजन होगा। पटाखे दागे जाएंगे और आतिशबाजी होगी।

शिया मुसलमान बुधवार की सुबह अजान ए फज्र से पहले स्वर्णरेखा में जाकर वहां अपने इमाम को अरीजा भेजेंगे। यहां भी महफिल होगी और दुआएं पढ़ी जाएंगी। अरीजे में लोग अपनी मुरादें लिखते हैं। लोगों का कहना है कि अरीजे में वो जो मुराद लिखते हैं वो पूरी होती है।

फैजुल उलूम का सालाना जलसा आज

मदरसा फैजुल उलूम का सालाना जलसा मंगलवार की रात को होगा। इस जलसे में खास मेहमान मुफ्ती कासिम के अलावा, मौलाना मंजर मोहसिन हुसैनी, सलाहुद्दीन, नसीर अहमद कादरी, शमशेर रजा फैजी, कारी इसराइल अशरफी आदि महफिल को खिताब करेंगे।