- रविवार को अब्दुल गफूर मिले मंत्री से

- सहायक जेल अधीक्षक ने किया खंडन, अधीक्षक ने कहा- मंत्री आए थे

PATNA : अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और आरजेडी नेता अब्दुल गफूर की सिवान मंडल कारा में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से दो दिनों पहले मुलाकात ही नहीं, जेल में मुलाकात और नाश्ते की मेज भी सजी। इस फोटो के सोशल साइट पर वायरल होते ही हंगामा मच गया। कारा महानिरीक्षक प्रेम सिंह मीणा ने पूरे प्रकरण पर सिवान के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी ली है। जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट कारा निरीक्षणालय को देने का निर्देश दिया गया है।

पूर्व सांसद और मंत्री की गुपचुप हुई भेंट को तीसरे दिन भी जेल प्रशासन ने दबाने की कोशिश की। सहायक जेल अधीक्षक एफजे डेविड ने एक कार्यक्रम के सिलसिले में जेल में गए पत्रकारों से साफ कहा कि कोई मुलाकात नहीं हुई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार बनने के बाद जेल में कोई मंत्री या आरजेडी का बड़ा नेता नहीं आया है। जबकि, कारा अधीक्षक राधेश्याम सुमन ने माना कि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अब्दुल गफूर आए थे। जेल मैनुअल के हिसाब से उन्होंने पूर्व सांसद से भेंट की। उन्होंने बताया कि मंत्री क्ख्.0भ् बजे से क्ख्.ख्भ् तक जेल में रहे। आवभगत पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। यह पूछे जाने पर कि जेल प्रशासन की ओर से इस मामले में अलग-अलग बयान क्यों दिए गए, उनका कहना था कि कारा अधीक्षक की बात ही आधिकारिक है।

मो। शहाबुद्दीन की हुई मेडिकल जांच

इधर, मंडल कारा में बंद मो। शहाबुद्दीन को मंगलवार को विभिन्न जांच के लिए कड़ी सुरक्षा में जेल से बाहर लाया गया। पेट दर्द की शिकायत पर बड़हरिया स्टैंड स्थित श्रीराम एमआरआइ केयर सेंटर में उनकी एमआरआइ, ईसीजी और एक्सरे सहित कई जांच हुई। जेल गेट से लेकर जांच केंद्रों तक कड़ी चौकसी रही। एएसपी अरविंद गुप्ता के नेतृत्व में सुरक्षा बल चौकस रहा। उनके जेल से बाहर आने की सूचना पर श्रीराम अल्ट्रासाउंड के बाहर समर्थकाें का जमावड़ा हो गया। इसके बाद उनकी आंख की जांच भी हुई।

''मैं म् मार्च को सिवान गया था। जेल के बगल में स्थित सर्किट हाउस में रुका था। औपचारिकतावश जेल में बंद मो। शहाबुद्दीन से मिलने गया था। इसमें हर्ज क्या है? भाजपा नेताओं को हर बात पर पेट में दर्द होने लगता है.''

-अब्दुल गफूर, अल्संख्यक कल्याण मंत्री।