राज्यमंत्री का ऐलान, गांव में बनेगा शहीद स्मारक

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VARANASI : जिस मिट्टी में जन्म लिया, पले-बढ़े और देश रक्षा की कसम खाई, सोमवार को शहीद रविनाथ पटेल का शव उसी मिट्टी में मिलने के लिए शान से अपने गांव पहुंचा। बड़ागांव के दल्लूपुर बसनी गांव में बेटे को खोने के दर्द में हर आंख में आंसू थे तो देश की राह में लाल के शहीद होने पर सीना गर्व से चौड़ा भी हुआ था। वाराणसी के राज्यमंत्री के साथ ही पूरा प्रशासनिक अमला शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए गांव पहुंचा था।


गम में डूबी मां

छत्तीसगढ़ के दंतोवाड़ा में शहीद हुए पुलिस के जवान रविनाथ पटेल का शव सोमवार की शाम पांच बजे दल्लूपुर बसनी स्थित पैतृक आवास पहुंचा। रविवार को परिवार ने पिता सत्यप्रकाश और मां अनीता देवी से बेटे के शहीद होने की बात छिपा ली थी मगर सोमवार की सुबह तक उन्हें पता चल चुका था। दरवाजे पर बेटे का शव पहुंचा तो पिता ने जैसे-तैसे अपने आंसू जब्त किए मगर मां अचेत होकर गिर पड़ी। 95 बटालियन पहडि़या से आए सीआरपीएफ के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी, एडीजी जोन, आईजी रेंज, कमिश्नर, डीएम, एसएसपी, एसपी रूरल, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल, पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने शहीद को पुष्प चक्र अर्पित किया और अंतिम सलामी दी।

 

राज्यमंत्री ने 20 लाख रुपये का चेक दिया

राज्यमंत्री डॉ। नीलकंठ तिवारी ने शहीद के परिजनों को 20 लाख रुपये का चेक दिया। इसके साथ ही घोषणा की कि शहीद के नाम पर गांव में स्मारक बनेगा। शाम के समय शहीद रविनाथ का मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार हुआ।