- चेतगंज से नई सड़क तक डिवाइटर से सटाकर बिछाई गई अल्टरनेट सीवर लाइन बनी परेशानी
- जगह कम हो जाने से डेली लगता है जाम, हो रहे हादसे, दुकानदारों को भी दिक्कत
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VARANASI
यूपी जलनिगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई) की लापरवाही का खामियाजा पब्लिक भुगत रही है। शाही नाले की सफाई के लिए चेतगंज से नई सड़क तक डिवाइडर से सटाकर बिछाई गई अल्टरनेट सीवर लाइन पब्लिक की परेशानी बढ़ा रही है। इसकी वजह से डेली दर्जनों बार जाम लगता है। लोहे की पाइप से टकराकर लोग हादसों का शिकार भी होते हैं, लेकिन विभाग को इसकी कोई परवाह नहीं है। अफसरों का कहना है कि जब तक इस एरिया में सफाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक पाइपें नहीं हटाई जा सकतीं। वहीं पब्लिक को इंतजार है कि इस अस्थायी इंतजाम का झाम कब हटेगा?
पम्पिंग कर पाइप से सीवर में निकासी
दरअसल, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी जायका की सहायता से शाही नाले की सफाई, मरम्मत और लाइनिंग फरवरी 2016 में शुरू हुई थी। उसी समय बेनियाबाग में पम्पिंग मशीन लगाई गई। नाले के चेम्बर्स से गंदे पानी की निकासी के लिए चेतगंज से नई सड़क तक डिवाइडर के एक तरफ 36 इंच और दूसरी तरफ 14 इंच की लोहे की पाइप बिछाई गई। चेतगंज से आगे पाइप को अंडरग्राउंड कर दिया गया। इसका मकसद नाले के एक चेम्बर का पानी पम्पिंग कर पाइप के सहारे निकासी लहुराबीर की सीवर लाइन में करना था।
ढाई साल से झेल रहे फजीहत
चेतगंज, बेनियाबाग और नई सड़क एरिया से गुजरने वाले वाहन सवार डेली प्रॉब्लम का सामना करते हैं। खासकर इस रास्ते पर स्थित स्कूलों में छुट्टी होने पर जाम की समस्या और बढ़ जाती है। अगर कोई बड़ा वाहन आ गया तो फिर घंटों जाम में फंसना तय है। एरिया के तमाम दुकानदार भी इसका खामियाजा भुगतते हैं। उनके व्यवसाय पर इसका असर पड़ता है।
पाइप से टकराकर होते हैं हादसे
रोड के जिस लेन पर जिस ओर ज्यादा चौड़ी पाइप लगाई गई है। उस लेन पर सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। रही सही कसर दुकानदारों ने पटरियों पर अवैध कब्जा कर पूरी कर दी है। ऐसे में आए दिन बाइक और साइकिल सवार पाइप से टकराकर जख्मी होते रहते हैं। कई बार रात में ट्रकें तक पाइप से टकरा गई हैं।
बांड होगा निरस्त, ब्लैकलिस्टेड की कार्रवाई
शाही नाले की सफाई का जिम्मा चेन्नई की श्रीराम ईपीसी को दिया गया है, लेकिन अब तक तीन बार समय बढ़ाने के बावजूद कार्य में अपेक्षित प्रोग्रेस नहीं होने पर जलनिगम ने कड़ा रुख अपनाया है। अफसरों की मानें तो कम्पनी पर जुर्माना लगाने, बांड निरस्त करने और उसे ब्लैकलिस्टेड करने की कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद टेंडर कर दूसरी कम्पनी को सफाई का जिम्मा दिया जाएगा।
एक नजर
- 83 करोड़ से शाही नाले की सफाई
- 29 महीने से चल रहा है काम
- 50 फीसदी हुआ सफाई कार्य
- 02 किलोमीटर तक बिछी है पाइप
- 36 इंच की पाइप है एक लेन पर
- 14 इंच की पाइप है दूसरी लेन पर
- 10 मीटर है रोड की चौड़ाई
- 08 पम्पिंग मशीनें लगी बेनियाबाग में
सारी प्रॉब्लम काम कर रही कम्पनी की वजह से हुई। अगर समय से काम पूरा हो जाता तो पाइपलाइनें हटा दी जातीं। कम्पनी पर रूल्स के हिसाब से कार्रवाई की जा रही है।
एसके राय, जीएम, जलनिगम