-मरणोपरांत हीरा कुमार की पत्‍‌नी बीनू झा को शौर्य चक्र व प्रशस्ति पत्र

-4 जुलाई 2014 को जमुई-गिरिडीह सीमा पर हुई थी नक्सली मुठभेड़

-दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हुए शहीद हो गया था सीआरपीएफ का डिप्टी कमांडर

RANCHI: शहीद हीरा कुमार की शहादत पर न सिर्फ कोयलांचल, बल्कि पूरे झारखंड को गर्व है। मिट्टी के इस लाल की शहादत पर केंद्र सरकार ने भी उनकी जयंती से एक दिन पहले शौर्य चक्र देने की घोषणा कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। जी हां, बुधवार को प्रेसिडेंट प्रणव मुखर्जी ने मरणोपरांत हीरा कुमार की पत्‍‌नी बीनू झा को शौर्य चक्र व प्रशस्ति पत्र सौंपा। गौरतलब हो कि ब् जुलाई ख्0क्ब् को सीआरपीएफ के सेकेंड इन कमांड डिप्टी कमांडेंट हीरा कुमार झा जमुई गिरिडीह सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। फिलहाल शहीद की विधवा और दोनों बच्चे न्यू दिल्ली में रहते है। जहां बेटा पिता की तरह ऑफिसर बनना चाहता है, वही बिटिया भी बड़ी होकर पापा की तरह नाम कमाना चाहती है।

डिप्टी कमांडर थे हीरा

सीआरपीएफ की सातवीं बटालियन में बतौर सेकेण्ड इन कमांड डिप्टी कमांडेंट हीरा कुमार झा की पढ़ाई-लिखाई धनबाद में हुई थी। शादी भी धनबाद के ही गांधी रोड में ख्00ख् में बिनू झा से हुई थी।

नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब

शहीद के परिजनों को वो लम्हा आज भी याद है, जब झारखंड और बिहार की सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़ में एक जांबाज की तरह लड़ते हुए हीरा कुमार झा ने अपने प्राण गवां दिए। ब् जुलाई ख्0क्ब् को जमुई गिरिडीह सीमा पर अपनी शहादत देने वाले शहीद हीरा झा को अंतिम विदाई देने सरकार के तत्कालीन सचिव सजल चक्रवर्ती और पूर्व डीजीपी राजीव कुमार समेत कई आलाधिकारी धनबाद पहुंचे थे।