मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मंगलवार को आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स का मैच मुंबई इंडियन्स से है लेकिन शाहरुख को अपनी टीम का ये मैच शायद स्टेडियम के बाहर से ही देखना पड़े.

पिछले साल वानखेड़े स्टेडियम के सुरक्षाकर्मियों से झगड़ा करने के बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने शाहरुख़ के स्टेडियम में घुसने पर पाँच साल तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.

तो क्या अब अच्छे बच्चों की तरह शाहरुख़ इस आदेश का पालन करेंगे या फिर कुछ ऐसा करेंगे जिसके लिए वो जाने जाते हैं जिसे प्रचलित भाषा में कहते हैं 'पंगे लेना'.

मीडिया से बातचीत में शाहरुख़ ने कहा, "मैं पॉलिटिकली इनकरेक्ट सुनाई नहीं देना चाहता लेकिन अगर में स्टेडियम में घुस गया तो वो क्या करेंगे, मुझे शूट कर देंगे ?"

हालांकि शाहरुख़ ने ये भी माना कि पिछले साल उन्होंने जो किया वो उन्हें नहीं करना चाहिए था और इस बार वो बाहर ही खड़े होकर अपनी टीम का उत्साह बढ़ाएंगे.

अभी कुछ दिनों पहले ही दिए इस बयान के बाद शाहरुख़ ख़ान ने एक और नियम तोड़ा और परेशानी को न्यौता दिया.

ड्रेसिंग रुम

3 मई को कोलकाता के ईडन गार्डन में केकेआर और राजस्थान रॉयल्स के बीच मैच चल रहा था. पारी ब्रेक हुआ और प्रोटोकोल का सीधा-सीधा उल्लंघन करते हुए शाहरुख़ अपनी टीम से मिलने के लिए ड्रेसिंग रुम पहुंच गए जहां से उन्हें तुरंत बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

अपनी इस गलती पर एक बार फिर माफी मांगते हुए शाहरुख़ ने कहा "मैं तो बस गंभीर को 'वेल डन' कहने गया था. मेरी गलती थी. मैं कभी-कभी नियम भूल जाता हूं. कोशिश करुंगा कि ऐसा दोबारा ना हो ताकि मुझे ईडन में भी घुसने से प्रतिबंधित ना कर दिया जाए."

स्टेडियम में धूम्रपान

पिछले साल ही शाहरुख़ ख़ान को एक और समन जारी किया गया. जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में चल रहे आईपीएल मैच के दौरान शाहरुख़ ख़ान का खुलेआम धूम्रपान करना जयपुर क्रिकेट अकादमी के निदेशक आनंद सिंह राठौड़ को भाया नहीं और उन्होंने शाहरुख़ के ख़िलाफ शिकायत दर्ज कर दी.

शाहरुख़ ख़ान ने एक बार फिर गलती स्वीकार की और कहा कि वो इसका जुर्माना भरेंगे. जयपुर कोर्ट ने उन पर 100 रुपए का जुर्माना लगाया.

शाहरुख़ भी कई साक्षात्कार में 'धूम्रपान बुरी आदत है और मैं इसे छोड़ना चाहता हूं' कहते हुए पाए गए.

गावस्कर से बहस

2009 में क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच जॉन बुकानन के 'बहु-कप्तान' सिद्धांत की आलोचना की थी.

शाहरुख़ ने खुलेआम गावस्कर पर निशाना साधते हुए कहा "ये मेरी टीम है और मैंने इस पर बहुत पैसा खर्च किया है. अगर आपको समस्या है तो अपनी टीम खरीदए और उसे अपने हिसाब से चलाइए."

हालांकि बाद में शाहरुख़ और गावस्कर के बीच सब कुछ सामान्य हो गया.

पाकिस्तानी खिलाड़ियों का पक्ष

2010 के आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को नहीं लिए जाने पर शाहरुख़ ख़ान ने अफसोस जताया और कहा कि अगर पाकिस्तान के खिलाड़ियों को लिया जा सकता तो वो उन्हें ज़रुर अपनी टीम में रखते.

इससे पहले शाहरुख की टीम में पाकिस्तान के उमर गुल और शोएब अख़्तर रहे हैं और उनका ऐसा बयान दिया जाना शिवशेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के गले नहीं उतरा और उन्होंने शाहरुख़ को धोख़ेबाज़ कह डाला.

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