फस्र्ट टाइम में हुआ सेलेक्शन

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर कोच संतोष कुमार यादव की देखरेख में प्रैक्टिस करने वाले शैलेंद्र सिंह का सेलेक्शन फस्र्ट अटेंप्ट में ही सैफ गेम्स के लिए जूनियर इंडिया टीम में हुआ है। शैलेंद्र की कड़ी मेहनत और सच्ची लगन का यह कोई पहला मौका नहीं है। शैलेंद्र का इससे पहले भी इंटर जोन जूनियर नेशनल चैंपियनशिप के लिए भी फस्र्ट अटेंप्ट में ही सेलेक्शन हुआ था। जिसमें शैलेंद्र ने 1500 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीत कर सभी को चौंका दिया था। संत कबीर नगर के मेंहदावल में रहने वाले लेट घनश्याम सिंह का सपना बेटे को देश के लिए दौडऩा देखना चाहते थे। मगर पिता की मौत ने शैलेंद्र को तोड़ दिया, मगर उनके सपने ने उसे एक बार फिर मजबूत हौंसला दिया। किसान फैमिली का होने के बावजूद शैलेंद्र ने कभी हार नहीं मानी।

सुविधा नहीं कड़ी मेहनत ने सच किया सपना

इंडिया के लिए खेलना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। शैलेंद्र ने भी कुछ ऐसा ही किया। सुविधा न होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी। जूता फटा हो या कड़ाके की ठंड पड़ रही हो या फिर तेज धूप और घना कोहरा हो, शैलेंद्र की प्रैक्टिस कभी नहीं रुकी। ये शैलेंद्र की मेहनत ही है, जो डेढ़ साल की प्रैक्टिस की बदौलत उसका सेलेक्शन जूनियर इंडिया टीम में हो गया। शैलेंद्र बापू पीजी कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रहा है।

सैफ गेम्स में दिखाएंगे ये कंट्री अपना दम

-अफगानिस्तान

-बांग्लादेश

-भूटान

-इंडिया

-मालदीव

-नेपाल

-पाकिस्तान

-श्रीलंका