ख्वाब से हकीकत में बदल गया सपना
संतकबीर नगर के मेंहदावल में रहने वाले शैलेंद्र सिंह ने साउथ एशियन गेम्स (सैफ गेम्स) में जूनियर इंडिया की ओर से पार्टिसिपेट किया। सैफ गेम्स रांची के मेगा स्पोट्र्स कांप्लेक्स केएथलेटिक्स स्टेडियम में हुआ। ट्यूजडे को रांची में हुए सेकेंड सैफ जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शैलेंद्र ने सभी देशों के प्लेयर्स को पीछे छोड़ते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इससे पहले शैलेंद्र ने इसी साल हुई जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी इसी इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

बस इतना सा ख्वाब है
सैफ गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद अब शैलेंद्र का ख्वाब ओलंपिक में न सिर्फ खेलना है बल्कि देश के लिए मेडल जीतना है। ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना मिल्खा का अधूरा रह गया था, मगर शैलेंद्र अपने इस ख्वाब को भी हकीकत में बदलता देखना चाहता है। पिता घनश्याम सिंह की मौत के बाद शैलेंद्र ताउजी की खेती में हेल्प करने के साथ अपनी प्रैक्टिस करता है। फोन पर शैलेंद्र ने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने परिजनों के साथ अपने कोच संतोष यादव को दिया। उन्होंने कहा कि अगर आपको अपनी टाइमिंग ठीक करनी है, तो अपने कोच के अंडर में प्रैक्टिस करनी चाहिए। शैलेंद्र की इस परफॉर्मेंस पर जहां देश को नाज है, वहीं उसके कोच संतोष कुमार यादव भी काफी खुश हैं। शैलेंद्र कोच संतोष यादव और रमेश प्रसाद के साथ सैफ गेम्स में पार्टिसिपेट करने रांची गया था। मेडल जीतने के बाद रांची से फोन पर संतोष ने बताया कि शैलेंद्र का प्रदर्शन उम्मीद से काफी अच्छा रहा। अब शैलेंद्र जल्द सीनियर इंडिया टीम के लिए खेलने के साथ ओलंपिक में भी देश के लिए मेडल जीतेगा।

 

report by : kumar.abhishek@inext.co.in