हर की पौड़ी घाट के समीप एक होटल से गिरफ्तारी

जुर्म की दुनिया में खून की नदियां बहाने वाला शंभू वहां छिपा बैठा था, जहां डुबकी लगाने के बाद लोग खुद को शुद्ध समझते हैं। शंभू की गिरफ्तारी हर की पौड़ी घाट के समीप एक होटल से हुई। अब एसटीएफ उसे कोर्ट के ऑर्डर के बाद पटना लाएगी, जहां उससे पूछताछ के बाद कई मामलों पर से पर्दा उठेगा।

ठिकाना बदलना महंगा पड़ा

शंभू के साथी मंटू को पुलिस ने कुछ महीने पहले ही यूपी से गिरफ्तार किया था। कोर्ट के ऑर्डर के बाद से बिहार लाया गया था। मंटू की गिरफ्तारी  के बाद से ही बिहार पुलिस उसकी तलाश में लग गई थी। सोर्सेज की मानें, तो मंटू की गिरफ्तारी के बाद से शंभू भी डर गया था और वह अपना ठिकाना बदलने में लगा था। पहले वह दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में छिपा रहता था। पुलिस भी पीछे पड़ी थी और आखिर उसे दबोच ही लिया गया। पहले से ही इन लोगों की संपत्ति जब्त करने को लेकर पुलिस हेडक्वार्टर अपनी कार्रवाई शुरू कर चुका है। काफी दिनों से पुलिस पीछे पड़ी थी, मगर दो साल पहले सीपीडब्लूडी आफिस पुनाईचक में ठेकेदार बसंत सिंह की हत्या में इन लोगों का नाम उछलने के बाद इनकी तलाश तेज हो गई थी। आईजी आपरेशन अमित कुमार ने बताया कि कुछ दिनों पहले टीम उसकी तलाश में गई थी सफलता मिली है। उसे कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लाने की तैयारी हो रही है।

करोड़ों में खेलते हैं

सीपीडब्लूडी के टेंडर में शंभू-मंटू के नाम का दहशत है। इसकी लड़ाई में एक नहीं, कई लाशें गिर चुकी हैं। इन लोगों को चढ़ावा दिए बिना किसी की जुर्रत नहीं कि वह टेंडर भर दे। बात न मानने वालों को उपर रास्ता दिखा देते हैं। इसकी खबर पुलिस और डिपार्टमेंट में ऊपर बैठे सभी को थी, पर इनका नेटवर्क इतना मजबूत था कि कोई इसे तोडऩे की हिम्मत नहीं जुटाता। बसंत सिंह को भी सीपीडब्लूडी के ऑफिस में एक इंजीनियर के कमरे में घुसकर गोलियों से भून डाला था।