-शंभूनाथ इंस्टीट्यूट में वार्षिक उत्सव यूरेका का शानदार आगाज

-प्रख्यात कवि डॉ। कुमार विश्वास ने बांधा समां

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PRAYAGRAJ: देश के प्रख्यात कवि डॉ। कुमार विश्वास का एक बार फिर प्रयागराज आगमन हुआ। शंभूनाथ इंस्टीट्यूट में आयोजित वार्षिकोत्सव यूरेका में शिरकत करते हुए डॉ। विश्वास ने उत्सव का शानदार आगाज किया। इसके बाद उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में इंस्टीट्यूट के टेक्नोक्रेट्स का वेलकम कर 'कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है' गाया तो वहां मौजूद हर शख्स झूम उठा।

डिमांड पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुति

इस प्रस्तुति के समाप्त होने से पहले ही उपस्थित टेक्नोक्रेट्स द्वारा और अधिक प्रस्तुतियों की मांग हुई तो डॉ। विश्वास ने अपनी कविताओं की एक से बढ़कर पंक्तियां सुनाई। डॉ। विश्वास की 'भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा, हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा' प्रस्तुति पर जमकर तालियां बजीं। इसके बाद कुमार विश्वास ने 'तुम अगर नहीं आई गीत गा न पाऊंगा, सांस साथ छोड़ेगी सुर सजा न पाऊंगा' और 'हम देसी हैं हम देसी हैं, दुनिया पर छाए हम देसी हैं' की प्रस्तुति की। मंच संचालन करते हुए डॉ। श्लेष गौतम ने 'आंखें बादल बन-बन बरसीं तब कविता कह पाए हैं, एक खुशी को बरसों तरसीं तब कविता कह पाए हैं' पंक्तियां सुनाई। अध्यक्षता इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ। केके तिवारी ने की और धन्यवाद ज्ञापित डॉ। आरके सिंह ने किया।

अमर शहीद को किया नमन

शंभूनाथ इंस्टीट्यूट जाने से पहले डॉ। कुमार विश्वास अपने मित्र डॉ। श्लेष गौतम के साथ अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा स्थल पर गए। यहां उन्होंने अमर शहीद को पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया। इसके बाद डॉ। विश्वास संगम नोज भी गए। डॉ। गौतम ने बताया कि दस मिनट तक संगम नोज का भ्रमण करने के बाद शंभूनाथ इंस्टीट्यूट के वार्षिकोत्सव में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।