कहा जाता है ​कि शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए पवनपुत्र हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहिए, इससे आप शनि के कष्टों से बचे रहेंगे और आपको सुखद परिणाम भी मिलेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. राजीव शर्मा बता रहे हैं कि शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2019) के दिन हनुमान जी को कैसे प्रसन्न किया जाए ताकि आपकी शनि से रक्षा हो पाए।
 
1. शनिवार के दिन कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। संकट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।

2. शनिवार के दिन काले रंग के पशुओं को रोटी खिलाएं।

3. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं, दीया जला कर उसमें काले उड़द के तीन दाने डालें। इससे सभी कार्य पूर्ण होंगे।

4. शनिवार के दिन सिन्दूर और चमेली के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी को लाल लंगोट अर्पित करें।

5. शनिवार के दिन हनुमान जी के मन्दिर में एक नारियल स्वास्तिक बना कर हनुमान जी को अर्पित करें, साथ ही हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करें।

6. शनिवार या मंगलवार के दिन हनुमान जी को सिन्दूर और तेल का चोला चढ़ाएं।

7. शनिवार के दिन हनुमान जी के सम्मुख रात्रि में चैमुखा दीपक जलाएं।

8. शनिवार को प्रातःकाल किसी पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और 7 परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के नीचे बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करें।

9. शनिवार एवं मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लेकर साफ जल से धोकर इन पत्तों पर चंदन से श्री राम का नाम लिखें। इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में हनुमान जी को अर्पित करें।

10. प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को बनारसी पान चढ़ाएं, ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा बनी रहती है।

11. प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को हनुमान मन्दिर में 11 उड़द के दाने, सिन्दूर, चमेली का तेल, फूल, प्रसाद अर्पित करें। साथ ही सुन्दरकाण्ड का पाठ करें।

12. शनि जयन्ती/शनि अमावस्या वाले दिन भोजन में काली मिर्च व काले नमक का प्रयोग अवश्य करें।

13. शनि जयन्ती/शनि अमावस्या वाले दिन शमी वृक्ष की जड़ को काले कपड़े में बांधकर अपनी दायीं भुजा में बांधे।

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14. शनि जयन्ती/शनि अमावस्या वाले दिन मांसाहार, मदिरापान त्यागने का प्रण करें।

15. शुक्रवार को 800 ग्राम काले तिल पानी में भिंगो दें। शनि जयन्ती/शनि अमावस्या वाले दिन गुड़ में उसे कूटकर लड्डू बनाएं और काले घोड़े को खिला दें। यह उपाय लगातार आठ शनिवार को करने से शनि पीड़ा से निजात मिलती है।  

16. शनि जयन्ती/शनि अमावस्या के दिन शमी वृक्ष का रोपण करें।

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