पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भक्तों के पूछे गए सवाल पर दिया जवाब

प्रयाग प्रवास के पहले दिन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में आध्यात्म मार्गदर्शन का आयोजन

ALLAHABAD: पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने चार दिवसीय प्रयाग प्रवास के पहले दिन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में आयोजित आध्यात्म मार्गदर्शन में पहुंचे। श्री मारवाड़ी अग्रवाल धर्मार्थ समिति की ओर से आयोजित समारोह में गौमाता के संबंध में भक्तों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा दो टूक कहा कि गोवध की समस्या देश में विकराल रूप लेती जा रही है। जिससे हिन्दू समाज बहुत ज्यादा आक्रोशित है। इसलिए समय आ गया है कि केन्द्र सरकार गोवध को रोकने के लिए देश की संसद में राष्ट्रीय अपराध के रूप में कानून बनाए।

कानून बनने के बाद होगा समाधान

उन्होंने कहा कि कानून बनने के बाद गोवध की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो सकता है। उन्होंने जस्टिस मार्कण्डेय काटजू के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के गलत बयान से गोवध को बढ़ावा मिल रहा है। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस बात पर चिंता जताई कि आज देश के हिन्दू युवक और युवतियां भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के बजाए पश्चिमी सभ्यता को अपना रहे हैं। जो इस देश के लिए घातक साबित होगा। कार्यक्रम संयोजक प्रमोद कुमार बंसल ने महाराज श्री की चरण पादुका पर फूलमाला चढ़ाकर उनका आशीर्वाद लिया। इस मौके पर अशोक देवड़ा, सतपाल गुलाटी, विश्वनाथ सांगानेरिया, श्याम सुंदर सर्राफ, अमर वैश्य मुन्ना भइया, दिलीप चौधरी, राकेश अग्रवाल, माता प्रसाद खेमका, गोपाल अग्रवाल, पूनम गुलाटी आदि मौजूद रहे।

तभी मोक्षदायिनी को मिलेगा जीवन

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दूसरे सत्र में केपी कम्युनिटी हाल में आयोजित धर्म सभा में भी व्याख्यान दिया। उन्होंने 'मोक्षदायिनी मां को कैसे मिलेगा मोक्ष' विषय पर कहा कि केन्द्र हो या उत्तराखंड की सरकार, किसी ने भी मोक्षदायिनी के निर्मल स्वरूप को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई है। इसके लिए हम सब को एकजुट होकर खुद को जागरूक होना होगा। उसके बाद आम आदमी को इसकी महत्ता के बारे में बताना होगा। शिव कुमार वैश्य ने महाराज श्री का स्वागत किया। इस मौके पर केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष चौधरी राघवेन्द्र नाथ सिंह, विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता, सतीश केसरवानी, जय कृष्ण केसरवानी आदि मौजूद रहे।