-छोटा राजन गिरोह से जुड़ा है दोनों अपराधियों का नाम

-छोटू ने कहा था नीरज ने दी थी सुपारी, पुलिस ने किया खारिज

नीरज बाल्मीकी की गिरफ्तारी के बाद सिटी के रिनाउंड डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल मर्डर केस के खुलासे ही उम्मीद की हवा निकल गई है। नीरज ने सीधे-सीधे डॉ। बंसल मर्डर केस में शामिल होने से इंकार कर दिया है। पुलिस ने भी फिलहाल उसे इस मामले में क्लीनचिट दे दी है। इससे सवाल उठता है कि पिछले दिनों पुलिस की कस्टडी से भागा छोटू ओझा झूठ क्यों बोल रहा था? दोनो कांट्रैक्ट पर काम करने वाले हैं तो क्या दोनों के बीच दरार पड़ गई है? छोटू आखिर है कहां और कौन उसे संरक्षण दे रहा है?

फिर पुलिस पर खड़े हो जाते सवाल

जीवन ज्योति हॉस्पिटल के निदेशक डॉ। बंसल की उनके ही अस्पताल में हत्या इसी साल जनवरी महीने की 12 तारीख को की गई थी। चैम्बर के भीतर घुसकर गोली मारने वाले बदमाशों का अब भी कोई सुराग पुलिस के पास नहीं है। तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस को न तो इस हत्याकांड में कारण का कुछ पता चला है और न ही उन शूटर्स का जिन्हें इस घटना में इस्तेमाल किया गया था। यह स्थिति तब है जब एडीजी से लेकर एसएसपी तक की प्रॉयोरिटी लिस्ट में इस केस का खुलासा है। इसके लिए एसटीएफ से लेकर क्राइम ब्रांच तक काम कर रही है। मोबाइल टॉवर की लोकेशन पर मौजूद लोगों की स्कैनिंग से लेकर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों का स्केच जारी किया गया लेकिन आज तक यह भी पता नहीं चल पाया कि डॉ। बंसल के हत्यारे को बैकअॅप देने वालों की संख्या कुल कितनी थी। आज भी मामला चार, पांच और छह में उलझा हुआ है।

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छोटू बोला था नीरज ने लिया था ठेका

इस केस का खुलासा करने के लिए लगी क्राइम ब्रांच की टीम के हाथ करीब एक सप्ताह पहले बड़ी कामयाबी लगी थी। सूत्रों का कहना था कि पुलिस ने छोटा राजन गिरोह से ही ताल्लुक रखने वाले छोटू ओझा को उठा लिया था। इसकी जानकारी आला अफसरों को हुई तो उन्होंने पूछताछ भी की थी। सूत्र बताते हैं कि पूछताछ में छोटू ने बताया था कि डॉ। एके बंसल की हत्या की सुपारी उसे नीरज बाल्मीकी ने दी थी। दस लाख में सौदा हुआ था और कुछ पैसा एडवांस भी मिला था। इसी के आधार पर पुलिस इस हत्याकांड के खुलासे पर लग गई थी लेकिन, छोटू पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला। संयोग अच्छा था कि उसका पकड़ा जाना कुछ चुनिन्दा लोगों की ही जानकारी में था। इसके बाद छोटू से मिली इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने नीरज बाल्मीकी के इर्द-गिर्द दबाव बढ़ा दिया था।

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तीन दिन पहले हो चुका गिरफ्तारर!

पोनप्पा रोड ऑफिसर लाइन कैंट की रहने वाली पूनम ने सोमवार को ही अखबार के दफ्तरों में एक रिलीज भेजवाई थी। इसमें उसने आरोप लगाया था कि उसकी बहन के बेटे नीरज बाल्मीकी को पुलिस ने शनिवार यानी आठ जुलाई को ही उठा लिया था। एडीजी से लेकर कोर्ट के न्यायाधीशों तक को भेजे गए इस पत्र में आरोप लगाया गया था कि पुलिस नीरज को उत्पीडि़त कर सकती है और उसका इनकाउंटर भी संभव है। तभी से नीरज को गिरफ्तार कर लिए जाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन एसएसपी ने तब इसे सिरे से खारिज कर दिया था। बुधवार को उसे गिरफ्तार दिखाए जाने के बाद शाम सात बजे मीडिया के सामने पेश किया गया। मीडियाकर्मियों को उम्मीद थी कि डॉ। बंसल केस का खुलासा हो जाएगा लेकिन, संयोग से ऐसा हुआ नहीं। पूछे जाने पर एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना था कि नीरज का नाम डॉ। बंसल मर्डर केस में सामने आया जरूर था लेकिन पूछताछ में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल उसे असलहा बरामदगी और सिविल लाइंस में कोचिंग में हुई फायरिंग के मामले में जेल भेजा जा रहा है।

डॉ बंसल हत्याकांड में नीरज का नाम सामने आया था। लेकिन, पकड़े जाने के बाद हुई पूछताछ में उसने इससे साफ इंकार कर दिया है।

आनंद कुलकर्णी

एसएसपी, इलाहाबाद