जवाब में महाराष्ट्र के हिंगोली में एक सभा में शिंदे ने इशारों-इशारों में केजरीवाल पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा, "जब मैं बांद्रा खेरवाड़ी में पुलिसकर्मी के रूप में कार्यरत था, तो शादी के तुरंत बाद मेरी छुट्टी रद्द कर दी गई थी, क्योंकि दंगे हुए थे. अब एक येड़ा (मराठी शब्द, जिसका अर्थ है पागल) मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने के कारण, मुझे पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द करनी पड़ी."

हालाँकि सुशील कुमार शिंदे ने अरविंद केजरीवाल का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया.

दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने शिंदे का बयान नहीं देखा है.

धरना

"जब मैं बांद्रा खेरवाड़ी में पुलिसकर्मी के रूप में कार्यरत था, तो शादी के तुरंत बाद मेरी छुट्टी रद्द कर दी गई थी, क्योंकि दंगे हुए थे. अब एक येड़ा (मराठी शब्द, जिसका अर्थ है पागल) मुख्यमंत्री के धरना पर बैठने के कारण, मुझे पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द करनी पड़ी"

-सुशील कुमार शिंदे, गृह मंत्री

पिछले दिनों कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के दफ़्तर के बाहर धरना करने की योजना बनाई थी.

लेकिन उन्हें रेल भवन के पास ही रोक दिया गया. केजरीवाल अपने साथियों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए. कुछ पुलिसकर्मियों को छुट्टी पर भेजने के फ़ैसले के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपना धरना समाप्त कर दिया था.

लेकिन धरना के दौरान केजरीवाल ने शिंदे की काफ़ी आलोचना की थी और उनकी कामकाज की शैली पर गंभीर सवाल उठाए थे. केजरीवाल ने कहा था कि वे सुशील कुमार शिंदे को चैन की नींद नहीं सोने देंगे.

उस दौरान सुशील कुमार शिंदे ने केजरीवाल पर अपनी टिप्पणी में कहा था, "पद की गरिमा को देखते हुए जब उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है तो केजरीवाल, जो मुख्यमंत्री हैं, बड़े पद पर हैं, को उन्हें सहयोग ज़रूरी देना चाहिए. जाँच हो जाएगी तो सब सामने आ जाएगा. पूरा देश देख रहा है कि कहाँ किसकी अराजकता चल रही है."

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