-मेरठ में शाम 7:15 बजे हुए आसमान में चांद का दीदार

-रविवार को पहला रोजा, मस्जिदों में शुरू हुआ इबादत का दौर

मेरठ: चांद का दीद होते ही शहरभर में खुशी की लहर दौड़ गई। माह-ए-रमजान की शुरुआत के साथ ही इतवार को पहले रोजे की घोषणा नायब शहर काजी हाजी जैनुल राशीदीन ने की। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में रौनक काबिज रही तो वहीं हर ओर लोग एकदूसरे को माह-ए-रमजान की मुबारकबाद देते नजर आ रहे थे।

पाक है माह

शनिवार को रमजान का चांद दिखने के साथ ही मुकद्दस का रमजान माह शुरू हो गया। इस बार पहला रोजा ही 15 घंटे लंबा होगा, रहमतो और बरकतों का ये महीना अच्छे कामों का सबब देने वाला होता है। इसी वजह से इस माह को नेकियों का माह भी माना जाता है। इस माह को कुरान शरीफ के नाजिल का महीना भी माना जाता है।

मान्यताएं

माना जाता है कि रमजान के पाक महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं, इसलिए इस माह में किए गए अच्छे कमरें का फल कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है और ऊपर वाला अपने बंदों के अच्छे कामों पर नजर करता है उनसे खुश होता है।

-कहते हैं कि रमजान के पाक माह में दोजख यानी नर्क के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।

-रमजान के पाक महीने में अल्लाह से अपने सभी बुरे कमरें के लिए माफी भी मांगी जाती है, महीने भर तौबा के साथ इबादतें की जाती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से इंसान के सारे गुनाह धुल जाते हैं।

-माहे रमजान में नफिल नमाजों का शबाब फर्ज के बराबर माना जाता है।

-रमजान में रोजा रखा जाता है.रोजादार भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करते हैं। वे सिर्फ सहरी और इफ्तार ही ले सकते हैं, रोजादार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों नहीं देखना चाहिए।

-माना जाता है कि पाक रमजान माह में फर्ज नमाजों का शबाब 70 गुणा बढ़ जाता है।

-एक दिन पहले ही बाजार में रही रौनक, घरों में रही तैयारी

गर्मी है पर नहीं कोई दिक्कत

भले ही गर्मी के सितम से सब काफी परेशान है, लेकिन अल्लाह की इबादत के सामने तो इस गर्मी का भी फर्क नहीं पड़ने वाला है। कुछ ऐसा ही मानना है रोजेदारों का। उनके अनुसार गर्मी होने से अल्लाह के प्रति उनकी इबादत कम नहीं होगी, ऐसे में गर्मी के आगे भी अल्लाह की इबादत का जोश कम नहीं हो रहा है।

शुगर पेशेंट हूं, लेकिन फिर भी हर साल रोजे रखती हूं। खुशी है कि हमें रमजान रखने की हिम्मत अल्लाह ने बख्शी है, उसकी मेहरबानी से ही सब काम हो रहे हैं।

-नूरजहां

मैं हर साल ही रोजा रखता हूं, शुगर है, लेकिन फिर भी मुझे अल्लाह ने ताकत दी है। रमजान हमें अनुशासन सिखाता है। इसके साथ ही ये माह गुनाहों की माफी मांगने का महीना है।

-नूर मोहम्मद मसूदी

हर साल की तरह इस बार भी मैंने रोजे रखे हैं, मुझे खुशी मिलती है रोजे रखने से। गर्मी है, लेकिन अल्लाह ने हमें हिम्मत बख्शी है कि हम पूरे माह के रोजे रखे।

-डॉ। कौसरजहां

अल्लाह की इबादत का महीना रमजान है। ये वो पाक महीना है जिसमें हमें गुनाहों की माफी मिलती है। इस माह में हमे जितना हो सके दूसरों का भला करना चाहिए, अच्छा सोचना चाहिए व अच्छा करना चाहिए।

मौ। आबिद

रमजान एक ऐसा महीना है जिसका हर मुस्लमान को इंतजार होता है। इस भीषण गर्मी में भी रमजान का जोश कम नहीं हो रहा है, क्योंकि अल्लाह ने ये ताकत दी है.यह मेरे लिए इम्तिहान का महीना है।

अब्दुल वकार