सावन के चौथे सोमवार को शिव मंदिरों में उमड़ी आस्था, जलाभिषेक को लगी लम्बी कतारें

ALLAHABAD: सावन के चौथे सोमवार को शिव मंदिरों में आस्था की भीड़ उमड़ी। भोर की मंगलाआरती के बाद भगवान शिव का पूजन-अर्चन और जलाभिषेक करने के लिए दशाश्वमेध मंदिर, मनकामेश्वर महादेव मंदिर, कोटेश्वर महादेव, नागवासुकि, सोमेश्वर महादेव व तक्षक तीर्थ सहित अन्य शिव मंदिरों में भक्तों की लम्बी कतार लगी रही। हाथों में दूध, बेलपत्र, भांग व फूलमाला लेकर भक्तों में भगवान शिव का पूजन करने की होड़ रही। बोल बम के जयकारे से वातावरण शिवमय होता रहा।

भोर में चार बजे खोला कपाट

मनकामेश्वर मंदिर में प्रधान पुजारी श्रीधरानंद ब्रह्माचारी की देखरेख में भोर में चार बजे मंगला आरती व गंगाजल से अभिषेक के बाद कपाट खोला गया। इससे पहले ही यहां करीब एक किमी लम्बी लाइन लग गई थी। कोटेश्वर महादेव मंदिर में पुजारी रवि गिरि के आचार्यत्व में भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक किया गया। मंदिर परिसर में दर्जनों भक्तों ने दूध, गन्ने के रस व गंगाजल से रुद्राभिषेक कराया।

पुष्पों से किया भोले का श्रृंगार

श्री निम्बार्क आश्रम में पं। शिवाकांत पांडेय द्वारा सर्वेश्वर महादेव का गंगाजल से अभिषेक किया गया तो भोले बाबा का पुष्पों से किए गए श्रृंगार का अलौकिक नजारा दिखाई दिया। हरिहर गंगा आरती समिति के पदाधिकारियों की ओर से रामघाट पर महारुद्राभिषेक किया गया।

बर्फ से हुआ अलौकिक श्रृंगार

श्रीराम मंदिर सभा की ओर से सावन के चौथे सोमवार को हीवेट रोड स्थित बाबा मुक्तेश्वरनाथ महादेव का बर्फ शिवलिंग से आकर्षक श्रृंगार किया गया। पूर्व पार्षद बसंत लाल आजाद की अगुवाई में श्रृंगार दर्शन का शुभारंभ किया गया। कलाकारों ने सत्यम शिवम सुंदरम, ओ गणेश की मम्मी, जय शिव शंकर डमरू वाले व शिव तांडव की मनमोहक प्रस्तुति की। इस मौके पर राजेश केसरवानी, नंदलाल जडि़या, जयराम गुप्ता, राजनाथ वर्मा आदि मौजूद रहे।

पांच लाख शिवलिंग का विसर्जन

नैतिक विकास शोध संस्थान की ओर से त्रिवेणी बांध स्थित राधा कृष्ण मंदिर के समीप पार्थिव शिवलिंग निर्माण का कार्य सोमवार को भी जारी रहा। भक्तों ने पांच लाख पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया फिर उसे संगम नोज में विसर्जित किया। श्याम सूरत पांडेय, श्रवण दुबे, युवराज मिश्रा, सत्य प्रकाश पांडेय आदि मौजूद रहे।