- यूपीडा के अधिकारियों ने ईकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों के साथ देखा प्लांट

- पहले चरण में करीब 200 टन खाद का किया जाएगा इस्तेमाल

LUCKNOW : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे का नाम तो आपने सुना ही होगा। इस एक्सप्रेस-वे को अब हरियाली की चादर से ढकने की तैयारी की जा रही है। खास बात यह है कि एक्सप्रेस वे पर हरियाली लाने के लिए शिवरी प्लांट की मदद ली जाएगी। यह सुनकर आप हैरान रह गए होंगे, लेकिन यह सच है। दरअसल, जल्द ही शिवरी प्लांट में तैयार होने वाली जैविक खाद का प्रयोग एक्सप्रेस-वे की ग्रीन बेल्ट में किया जाएगा। इस दिशा में उत्तरप्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इकोग्रीन कंपनी के साथ मिलकर कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं।

दो अधिकारियों ने किया निरीक्षण

मिली जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले ही यूपीडा के दो शीर्ष अधिकारी शिवरी स्थित कचरा निस्तारण प्लांट पहुंचे थे। उनके साथ इकोग्रीन कंपनी के अधिकारी भी थे। मौके पर यूपीडा के अधिकारियों ने इकोग्रीन के अधिकारियों से कई बिंदुओं पर जानकारी ली थी। जिसमें प्रमुख रूप से यह जानकारी भी ली गई कि जैविक खाद की क्या स्थिति है और इस समय कितना स्टॉक मौजूद है। सारी जानकारी सामने आने के बाद यूपीडा के अधिकारियों ने एक रिपोर्ट बनाने के लिए कहा है।

पहली खेप में 200 टन खाद

जानकारी के अनुसार, पहली खेप में शिवरी प्लांट से करीब 200 टन खाद भेजी जाएगी। इस खाद को अलग-अलग भागों में भी भेजा जा सकता है, लेकिन इकोग्रीन कंपनी के अधिकारियों की मानें तो एक बार में ही 200 टन खाद भेज दी जाएगी।

ऑफर करना है सब्मिट

इकोग्रीन के अधिकारियों की मानें तो कंपनी की ओर से यूपीडा को ऑफर सब्मिट किया जाएगा। इसके बाद रेट आदि का निर्धारण किया जाएगा। वहीं कुछ ऑफीशियल प्रोसेस भी किया जाना है। इसमें थोड़ा समय लग सकता है।

8 हजार टन जैविक खाद

इस समय शिवरी प्लांट में करीब 8 हजार टन जैविक खाद उपलब्ध है। इससे साफ है कि ग्रीन बेल्ट के लिए खाद की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आएगी। यह भी संभावना है कि यूपीडा की ओर से आने वाले समय में खाद की डिमांड बढ़ाई जा सकती है।

कोट

यूपीडा के अधिकारियों ने शिवरी प्लांट का निरीक्षण किया था। उनके आने का उद्देश्य आगरा एक्सप्रेस-वे की ग्रीन बेल्ट के लिए जैविक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराना था। पहले चरण में करीब 200 टन खाद की मांग की गई है।

नीतेश त्रिपाठी, जीएम, इकोग्रीन

जैविद खाद संबंधी जो डिमांड आई है, उसके आधार पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। हमारे पास इस समय करीब 8 हजार टन जैविक खाद उपलब्ध है। इस वजह से कोई प्रॉब्लम नहीं है।

अभिषेक सिंह, एडवाइजर, इकोग्रीन