-थोड़े से आलस के चलते शहरवासियों को लग रहा करोड़ों का चूना

-रिमोट से उपकरण बंद करने के बाद भी खर्च होती है बिजली

ALLAHABAD: कभी सोचा है कि हाईटेक लाइफ स्टाइल आपको आलसी बनाने के साथ जेब को चूना भी लगा रही है। इसका उदाहरण कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि लगभग हर घर है। इससे बिजली की बर्बादी से करोड़ों रुपए का नुकसान अनजाने में सहना पड़ रहा है। इसका एकमात्र रीजन है रिमोट। घर में लगे इक्विपमेंट्स को रिमोट के जरिए स्टैंडबाई मोड में डाल देने को बंद समझना है इसकी जड़। हम बताते हैं कि कैसे रिमोट का इस्तेमाल आपको आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है।

बात छोटी लेकिन काम की

एयर कंडीशन हो या कूलर या फिर टेलीविजन सबकुछ रिमोट से संचालित होते हैं। बेसिकल यह सुविधा देने के लिए बनाया गया है। तात्कालिक तौर पर मिलने वाली सुविधा को पब्लिक ने परमानेंट का साधन मानना शुरू कर दिया है। यही रीजन है कि इन उपकरणों को लोग सीधे स्विच से बंद न करके रिमोट के जरिए ऑफ करते हैं। लेकिन, यह भूल जाते हैं कि यह बंद जरूर है लेकिन बिजली लगातार खर्च हो रही है। एमाउंट छोटा ही सही लेकिन यह कहीं न कहीं बिजली की बर्बादी और बिलिंग को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। आइए हम बताते हैं कि रिमोट का अधिक उपयोग कैसे लाइफ को प्रभावित कर रहा है

उपकरण औसतन बिजली की खपत रिमोट से बंद रहने पर यूनिट खपत दस घंटे प्रतिदिन यूनिट खपत वार्षिक बिजली की कीमत (रुपए में)

टीवी तीन वॉट .03 यूनिट 10.95 यूनिट 54.75

पर्सनल कम्प्यूटर मॉनीटर दो वॉट 0.02 यूनिट 7.30 यूनिट 36.50

वीसीआर, डीवीडी पांच वॉट 0.05 यूनिट 18.25 यूनिट 91.25

ऑटो वाशिंग मशीन 6 वॉट 0.06 यूनिट 21.90 यूनिट 109.50

प्रिंटर एक वॉट 0.01 यूनिट 34.60 यूनिट 73.00

एयर कंडीशनर तीन वॉट 0.03 यूनिट 10.95 यूनिट 54.75

(इस तरह से एक कनेक्शन में औसतन प्रतिवर्ष 438 रुपए एक्स्ट्रा बिजली का बिल आता है और 103.95 यूनिट बिजली की बर्बादी होती है, जबकि आंकड़े कहते हैं कि घरों में 24 ऑवर्स उपकरणों को सीधे रिमोट से संचालित किया जाता है)

कैसे लग रहा है करोड़ों का चूना

अब सवाल यह होगा कि आखिर लोगों की जेब को करोड़ों रुपए में कैसे चूना लग रहा है। तो हम बता दें कि शहर में लगभग एक लाख अस्सी हजार घरेलू बिजली के उपभोक्ता हैं और लगभग सभी के पास बिजली के न्यूनतम उपयोगी उपकरण मौजूद हैं। औसत आंकड़े पर जाएं तो भी सीधे स्विच से उपकरणों को बंद नहीं करने पर सालाना सात करोड़ 88 लाख 40 हजार रुपए का एक्स्ट्रा बिजली का बिल शहरवासियों को देना पड़ रहा है और एक करोड़ 97 लाख 1000 यूनिट बिजली बर्बाद हो रही है। 24 ऑवर्स रिमोट यूज पर जाएं तो इससे पैसे और बिजली दोनों की खपत का आंकड़ा कई गुना बढ़ जाएगा। इतना ही नहीं, कॉमर्शियल कनेक्शंस में यह आंकड़ा आसमान छू सकता है।

खुद ऑफिसर्स रह गए थे दंग

पिछले दिनों सिटी के संगम प्लेस पर सेंट्रल गवर्नमेंट विद्युत मंत्रालय के ऑफिसर संदीप वर्मा ने पॉवर कारपोरेशन के ऑफिसर्स के साथ मीटिंग करके एनर्जी सेविंग के तरीके बताए थे। जब उन्होंने रिमोट यूज से होने वाली बिजली की बर्बादी के बारे में बताया तो खुद कारपोरेशन के ऑफिसर्स सरप्राइज थे। इसके अलावा यहां मौजूद पब्लिक सेक्टर्स के प्रतिनिधियों ने इस बात को तहेदिल से स्वीकार किया। संदीप वर्मा का कहना था कि यूज करने के बाद बिजली उपकरणों को रिमोट से बंद करने के बजाय सीधे बिजली के स्विच से बंद करने पर एनर्जी सेविंग को बढ़ावा दिया जा सकता है।

बिजली उपकरणों की घरेलू भार गणना

उपकरण रेटिंग (वॉट में)

साधारण बल्ब 60

ट्यूब लाइट 40

लाइट लैंप 15

मच्छर नाशक 5

पंखे 60

एयर कूलर 250

एसी 1/1.5 टन (विंडो टाइपप) 15000/2200

रेफ्रिजरेटर 165 लीटर 225

मिक्सी/ब्लैडर 450

टोस्टर 800

हाट प्लेट 1500

ओवन 1000

इलेक्ट्रिक केतली 1500

बिजली की प्रेस 1500

वाटर हीटर 3000

इर्मशन राड 1000

वैक्यूम क्लीनर 700

वाशिंग मशीन 1300 से 2200

वाटर लिफ्टिंग पंप 360

रंगीन टीवी 100

ऑडियो सिस्टम 50

प्रत्येक तीन पॉवर प्लग पर 500

प्रत्येक तीन लाइट/फैन प्लग पर म्0

बिजली की क्राइसिस बढ़ती जा रही है। डिमांड के अनुरूप सप्लाई करना मुश्किल है। लोगों को चाहिए कि अधिक से अधिक बिजली की बचत करें। ऐसा करने से उनकी बिलिंग भी कंट्रोल में रहेगी और बिजली की आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी।

चीफ इंजीनियर,

पॉवर कारपोरेशन, इलाहाबाद