-हसनगंज में शनिवार को सिक्योरिटी एजेंसी संचालक ने किया था खुद के संग लूट का दावा

-अपने ही बाउंसर के साथ मिलकर रची पूरी साजिश

-सर्विलांस सेल और हसनगंज पुलिस ने किया खुलासा

LUCKNOW: हसनगंज एरिया में शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी संचालक के संग हुई 4.68 लाख रुपये लूट की घटना फर्जी थी। दरअसल, इस घटना का मास्टरमाइंड वह खुद ही था और उसने अपनी एजेंसी में कार्यरत बाउंसर के जरिए ही यह पूरा नाटक रचा था। । एसएसपी की सर्विलांस सेल और हसनगंज पुलिस ने तीन दिन की जांच के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया। पुलिस ने आरोपी सिक्योरिटी एजेंसी संचालक और उसके बाउंसर को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से कथित लूटी गई रकम भी बरामद कर ली।

यह थी घटना

हसनगंज क्षेत्र के खदरा स्थित दीनदयाल नगर निवासी हरि राम सिंह सिक्योरिटी एजेंसी संचालित करते हैं। हरि राम के मुताबिक, वह शुक्रवार दोपहर करीब 3.30 बजे आईसीआईसीआई बैंक की डालीगंज ब्रांच से चार लाख रुपये और डालीगंज स्थित एटीएम से 40 हजार रुपये निकाले। उनके पास 24 हजार रुपये पहले से थे। कुल पांच लाख रुपये उन्होंने बैग में रखे और उस बैग को डिग्गी में रख लिया। हरि राम ने बताया कि उनकी एजेंसी के सिक्योरिटी गा‌र्ड्स शालीमार प्लाजा और मानस ग्रुप में तैनात हैं, जिन्हें सैलरी देने के लिये वह यह रकम लेकर अपनी बाइक से जा रहे थे। हरिराम ने बताया था कि जब वह डालीगंज क्रॉसिंग ओवर ब्रिज पर पहुंचे तभी पीछे से आ पहुंचे पैशन बाइकसवार दो बदमाशों ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। उन्होंने बाइक रोक दी। बाइक रुकते ही बदमाशों ने उन पर तमंचा तान दिया और रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए।

बयान में विरोधाभास से गहराया शक

एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने हरिराम सिंह से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के दौरान वह बयान बदलने लगा, जिससे पुलिस का शक गहरा गया। जिसके बाद सर्विलांस सेल प्रभारी एसआई धीरेंद्र कुमार शुक्ला और उनकी टीम को भी जांच में जुटने को कहा गया। सर्विलांस सेल टीम ने बैंक व घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली। हरिराम की मोबाइल कॉल डिटेल रिपोर्ट में घटना से ठीक पहले व कुछ देर बाद उसकी एजेंसी में कार्यरत बाउंसर विष्णु कुमार मिश्रा से बातचीत का प्रमाण मिला। हालांकि, हरिराम सिंह ने अपने बयान में उसका नाम एक बार भी नहीं लिया। शक होने पर सर्विलांस सेल व हसनगंज पुलिस की टीम ने विष्णु को कस्टडी में लेकर पूछताछ की तो उसने सच कबूल दिया।

जमीन खरीदने के लिये थी रुपयों की जरूरत

विष्णु ने बताया कि उसके मालिक हरिराम सिंह को एक जमीन खरीदने के लिये रुपयों की जरूरत थी। पर, उसके पास कुछ रुपये कम पड़ रहे थे। इसीलिए उसने सिक्योरिटी गार्डो की सैलरी की रकम को हड़पने का प्लान बनाया। उसका प्लान था कि खुद के संग लूट का दावा कर वह गार्डो की सैलरी को दो-तीन महीने तक रोक लेगा और लूट की सहानुभूति में वह दोस्तों से भी कर्ज ले लेगा। इसके लिये उसने विष्णु को अपने संग मिला लिया और पहले से तय प्लान के मुताबिक वह डालीगंज क्रॉसिंग ओवरब्रिज पर पहुंचा। जहां विष्णु बाइक समेत पहले से खड़ा था। हरिराम के वहां पहुंचते ही उसने हरिराम की डिग्गी से रुपयों भरा बैग निकाल लिया और वहां से चला गया। इस खुलासे के बाद पुलिस ने हरिराम सिंह को भी अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने हरिराम के कब्जे से कथित लूट का रुपया भी बरामद कर लिया।

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अनजान दोस्त को पुलिस ने छोड़ा

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जिस वक्त विष्णु को डालीगंज क्रॉसिंग ओवर ब्रिज पहुंचना था, उसके पास बाइक नहीं थी। इसलिए उसने अपने एक दोस्त को बिना कुछ बताए ओवर ब्रिज पर चलने को कहा। अनजान दोस्त विष्णु को लेकर वहां पहुंचा। जिसके बाद हरिराम की डिग्गी से रुपयों भरा बैग निकालकर वे दोनों वापस लौट आए। पूछताछ के दौरान विष्णु के दोस्त का घटना में कोई रोल न साबित होने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया।