15000 की दुकान का किराया 1500, नगर निगम को वो ाी नहीं दे पा रहे दुकानदार, उधारी पहुंची 5 करोड़ रुपए के पार

PATNA :

शहर के सबसे पॉश इलाके में 450 दुकानें ऐसी है, जो कई साल से नगर निगम को किराया ही नहीं दे रही। आलम यह है कि किराए की उधारी 5 करोड़ रुपए को भी पार कर गई है। मामला नूतन राजधानी अंचल का है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक दुकान का किराया 15000 रुपए प्रतिमाह से अधिक है, जबकि निगम सिर्फ 1500 रुपए ही लेता है। 10 गुना कम कीमत पर दुकान होने के बावजूद दुकानदार किराया नहीं दे रहे। उसी में 20 प्रतिशत दुकानदार तो ऐसे भी है जो दुकान किराए पर देकर हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं लेकिन हजारों रुपए भी निगम को किराए नहीं चुका पा रहे हैं। जब भी निगम के अधिकारी किराए लेने जाते हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि हम किराया नहीं देंगे बताओ क्या करोगे?

100 रुपए से शुरू हुआ था किराया

जब पटना का विकास शुरू हुआ तो निगम ने नूतन राजधानी अंचल का निर्माण किया। इस अंचल में शहर के सबसे पॉश इलाके में निगम ने 450 दुकानों का निर्माण किया। दुकानों को लॉटरी सिस्टम के तहत लीज पर आवंटित किया गया। निगम ने हर दुकानदार से एक मुश्त कुछ पैसा लिया और बाकी हर महीने किराए देने की शर्त रखी। शुरुआत 100-150 रुपए प्रतिमाह किराए से हुई। हर साल बढ़ते-बढ़ते आज किराया 1500-2000 रुपए प्रतिमाह हो गया है। लेकिन जिस तरह से शहर में दुकानों की कीमतें बढ़ी उसमें यह सबसे कम है।

किराया नहीं चंदा देते हैं

निगम के राजस्व अधिकारी बताते हैं कि किराया वसूलने के लिए टीम जाती है तो कुछ दुकानदार कहते है किराया नहीं देंगे जो करना है कर लीजिए। कुछ दुकानदार ऐसे हैं जो साल भर के किराए के तौर पर मात्र 4000-5000 रुपए चंदे के रूप में देकर हाथ जोड़ लेते हैं।

शहर की नामी दुकानें खाए बैठी है निगम का किराया

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास सभी 450 दुकानों का बकाया किराया और नाम की पूरी डिटेल है। लेकिन हम सभी का नाम तो पब्लिश नहीं कर सकते हैं इसलिए जो शहर के नामी दुकानें और बड़े बकायादार है उनकी नाम और बकाया इस तरह है।

अर्जुन प्रसाद 7 लाख 10 हजार 315 रुपए

करमू प्रसाद 5 लाख 56 हजार 586 रुपए

वंशीलाल 5 लाख 91 हजार 782 रुपए

गुलाम कुदुस 16 लाख 65 हजार 815 रुपए

मोहमद अनवर 6 लाख 19 हजार 487 रुपए

एसएन चक्रवर्ती 9 लाख 28 हजार 763 रुपए

एसलाम एण्ड ब्रदर्स 6 लाख 89 हजार 576 रुपए

मैमुनिशा 6 लाख 51 हजार 433 रुपए

रामचंद्र कलवार 6 लाख 35 हजार 317 रुपए

मोसमात सस्ती 6 लाख 47 हजार 277 रुपए

भीम प्रसाद एवं भूपेंदर प्रसाद 6 लाख 51 हजार 82 रुपए

लाल बाबू श्रीवास्तव 9 लाख 63 हजार 999 रुपए