- बंद से एक हजार व्यापारियों को भारी नुकसान

- सुबह से ही दिखी बंद का असर, आमजन भी प्रभावित

Meerut सुबह से दोपहर तक बंद दुकानों के साथ सड़कें सुनसान रहीं। पेट्रोल पंप से लेकर छोटी-बड़ी हर दुकान बंद का समर्थन में थी। आमजन भी इस बंद के प्रभाव में रहा। हापुड़ रोड से लेकर ईव्ज चौराहा तक लगभग एक हजार व्यापारियों को एक ही दिन में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। भगत मार्केट, इम्लीयान, सुभाष बाजार, इंद्रा चौक, ईव्ज चौराहा आदि में बंद का असर दिखा। इस बंद के कारण एक हजार व्यापारियों को लगभग 25 लाख का भारी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं आमजन को भी अपनी छोटी-छोट जरुरतों को लेकर मन मारना पड़ा। व्यापारी या तो ताश के पत्ते खेलते नजर आए, या फिर चाय की चुस्कियों के साथ केवल अपने नुकसान की बात करते दिखे। आमजन बस बंद दुकानों के देखकर तरसते हुए नजर आए।

सभी दुकाने बंद है, इसलिए आज सुबह से परेशानियों का सामना करना पड़ा है। खाने-पीने की चीजों से लेकर जरुरत की सभी चीजें न मिलने से बहुत दिक्कतें हुई हैं।

-आकाश, निवासी इंद्रा चौक

पेट्रोल न मिलने से आज सुबह बस से ऑफिस जाना पड़ा। इसके अलावा आज न तो कोई दुकान खुली मिली, जिससे काफी परेशानी हुई है।

-गरिमा, सुभाष बाजार निवासी

- प्राइवेट हॉस्पिटल व डॉक्टर्स के क्लीनिक पर सामान्य दिखा माहौल

Meerut बंद का दवा व्यापारियों ने समर्थन किया, वहीं सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर्स इस बंद के विरोध में रहे। हॉस्पिटल व डॉक्टर्स के क्लीनिक का माहौल बिल्कुल समान्य दिखा। डॉक्टर्स का मानना था कि बंद किसी भी समस्या का हल नहीं। अगर समस्या को सुलझाना है तो यह सोचना होगा कि समस्या के लिए आखिरकार जिम्मेदार कौन है। डॉक्टर्स का कहना था कि बंद करने से आमजन से लेकर एक माध्यम वर्ग के व्यापारी को बेहद नुकसान उठाना पड़ता है। अगर चिकित्सक बंद के समर्थन में आते है तो यह मरीजों के साथ अन्याय होता।

क्या कहते है डॉक्टर्स

डॉक्टर्स बंद के समर्थन में नहीं हैं, क्योंकि इससे आम लोगों को काफी दिक्कत होती है। कोई भी दवा न मिल पाने के साथ ही दिनभर की जरुरतों के लिए आमजन के लिए समस्याएं बन जाती हैं।

-डॉ.मनोज दुबलिश, कैंसर विशेषज्ञ

किसी भी समस्या का हल बंद करने से नहीं होता है। बंद करने से भले कुछ लोगों को फर्क न पड़ता हो, पर आमजन पर इसका बहुत ही गहरा असर पड़ता है। आमजन की मुश्किलें और भी बढ़ जाती है।

-डॉ। आरबी सिंह, होम्योपैथिक

बेगमपुल, सदर बाजार, आबूलेन, सर्राफा, सदर मंडी, छीपी टैंक, सुभाष बाजार, खैरनगर, खंदक, बुढ़ानागेट, कागजी बाजार, कचहरी मार्ग, पीएल शर्मा रोड, लालकुर्ती पैंठ एरिया, सेंट्रल मार्केट शास्त्रीनगर, जागृति विहार, मेट्रो प्लाजा, शारदा रोड, शहर सर्राफा बाजार, बाजार बजाजा, कबाड़ी बाजार, ईव्ज चौक, दिल्ली रोड, सांईपुरम। वहीं साप्ताहिक बंदी के चलते सोतीगंज भी बंद रहा

यह खुले रहे

लिसाड़ी रोड, गोला कुआं, भगत सिंह मार्केट, नगर निगम मार्केट, हापुड़ रोड, कमेला रोड, केसरगंज, घंटाघर क्षेत्र, अहमद रोड

- बंद में शामिल हुई स्पो‌र्ट्स कांपलेक्स की इंडस्ट्री, करीब दस करोड़ रुपये का नुकसान

मेरठ । बिजली कटौती और एसपी सिटी के अभद्रता व्यवहार से तंग संयुक्त व्यापार संघ के आह्वान पर शारदा रोड, मैट्रो प्लाजा, बागपत रोड, माधवपुरम, रिठानी, टीपी नगर एरिया के व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं। यहां किराना, ज्वैलर्स, हलवाई, गारमेंट्स, कास्मेटिक समेत की दुकानों पर ताले लटके हुए मिले। सुबह नौ बजे से खुलने वाली दुकाने दोपहर तीन बजे तक बंद मिली। हालांकि तीन बजे के बाद कुछ मार्केट की दुकाने खुल गई थी। वहीं स्पो‌र्ट्स काम्पलैक्स में सभी इंडस्ट्री स्वामियों ने भी बंद के समर्थन में अपनी यूनिट बंद रखीं। परतापुर स्थित उद्योग पुरम की फैक्ट्रियां भी बंद थी। शनिवार को मेरठ बंद होने के कारण आठ से दस करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। संयुक्त व्यापार संघ के मंत्री गजेंद्र शर्मा का कहना है कि व्यापार संघ को पूरा साथ शारदा रोड, मैट्रो प्लाजा, रिठानी, टीपी नगर समेत तमाम बाजार के लोगों के साथ इंडस्ट्री मालिकों ने भी दिया है। गौरव शर्मा का कहना है कि बंद सफल रहा, बिजली के खिलाफ यह बंद आज की आवश्यकता बन गया था। व्यापारियों ने इसके लिए पूरा सहयोग किया।

सरकार को बिजली की समस्या के बारे में पूरी तरह से जानकारी है। उन्हें ये भी पता है कोई भी व्यापार बिना बिजली के नहीं चल सकता है। ऐसे में फिर ये लापरवाही क्यों?

- आदित्य शर्मा, अध्यक्ष, रिठानी व्यापार संघ

सरकारी की व्यापारियों की ओर अनदेखी और अधिकारियों का रूखा बर्ताव शांत व्यापारियों को उग्र होने पर मजबूर करता है। हमने एसपी सिटी के खिलाफ पुतला भी फूंका हैं।

- गौरव शर्मा, अध्यक्ष, मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन

- व्यापारियों नेताओं में एकता की कमी से सफल नहीं हो सका बंद

- कुछ देर बाद ही खुल गए व्यापारी नेताओं द्वारा बंद कराए बाजार

मेरठ। संयुक्त व्यापार संघ के आह्वान पर कंकरखेड़ा और आसपास की अन्य मार्केट में भी बंद का मामूली असर दिखा। सुबह व्यापारियों ने दुकानें खोलीं, लेकिन बाद में नेताओं ने उन्हें बंद करा दिया। उनके जाने के बाद कुछ दुकानदारों ने दोबारा शटर उठा दिए। कंकरखेड़ा में व्यापारी नेताओं की आपसी फूट के चलते पूर्ण बंद नहीं रहा। वहीं कासमपुर, श्रद्धापुरी, सरधना रोड, छोटा बाजार, बड़ा बाजार, सैनिक विहार बाजार, तिलक चौक बाजार, पैठ बाजार, स्टेशन बाजार, टंकी बाजार, रामनगर रोड बाजार में बंद के दौरान ब्ख् लाख रुपये का नुकसान का अनुमान है।

गुरुनानक बाजार रहा बंद

गुरुनानक बाजार के व्यापारी नेता गौरव शर्मा ने नेतृत्व में व्यापारी सुबह से ही डटे रहे। उन्होंने स्कूटर व बाइक से घूमकर दुकानें बंद कराई। सरधना रोड बाजार में ग्यारह बजे के बाद लगभग सभी दुकानें खुल गई। सरधना रोड केंद्रीय व्यापार संघ पूर्ण बंद रहा। यहां सुबह से ही व्यापार संघ अध्यक्ष गुल्लू ठाकुर व उपाध्यक्ष जगदीप बरनाला अपनी टीम के साथ मार्केट बंद कराने में डटे रहे।

बिजली की आंख मिचौली से पब्लिक और व्यापारी दोनों परेशान है। बिजली के नहीं आने से व्यापारियों का व्यापार चौपट हो चुका है। प्रदेश सरकार से अपना विरोध जताने के लिए सभी व्यापारियों ने इस महा आन्दोलन में अपना भागीदारी की है।

- गुल्लू ठाकुर

अध्यक्ष, सरधना रोड केंद्रीय व्यापार संघ

लोगों की समस्या को देखते हुए ही संयुक्त व्यापार संघ ने मेरठ बंद का निर्णय लिया। जो पूर्ण सफल रहा। कंकरखेड़ा के व्यापारियों और पब्लिक ने इस आंदोलन में पूर्ण सहयोग किया।

-नीरज मित्तल

अध्यक्ष, कंकरखेड़ा व्यापार संघ