- डिमांड अधिक फिर भी नहीं मिल पा रहा प्लेटलेट्स

- जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में एक यूनिट प्लेटलेट्स की कीमत 200 रुपए, प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए 300 रुपए रेट

GORAKHPUR: शहर में बढ़ रहे डेंगू के प्रकोप से सरकारी व प्राइवेट ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स का टोटा हो गया है। सरकारी अस्पताल भी डिमांड के हिसाब से प्लेटलेट्स नहीं दे पा रहे हैं। नतीजा ये कि लोगों को प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रहा है। जिससे जरूरतमंदों की मजबूरी का फायदा बिचौलिए खूब उठा रहे हैं। जिला अस्पताल पहुंच रहे लोगों को ये बिचौलिए बाहर से प्लेटलेट्स दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूल ले रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल में एक यूनिट प्लेटलेट्स का रेट 200 रुपये है। वहीं निजी हॉस्पिटल के लिए रेट 300 रुपये है और प्राइवेट ब्लड बैंक में 500 रुपये प्रति यूनिट है।

अस्पताल में बढ़ने लगे डेंगू के मरीज

शहर में जहां डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है तो वहीं डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। जिला अस्पताल के क्षेत्रीय निदान केंद्र में जांच के उपरांत तीन से चार और मरीज डेंगू के मिले हैं। ये मरीज शहर के आसपास इलाके के रहने वाले हैं। अगर संख्या पर गौर किया जाए तो जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों कीा संख्या करीब 12 से अधिक हो गई है। इतना ही नहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों में बुखार से पीडि़तों की संख्या दोगुनी हो गई है। अस्पताल के ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच के दौरान एलाइजा टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है। हालांकि पैथोलॉजी में जांच के उपरांत अभी तक लगभग पांच लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।

पांच दिन होती प्लेटलेट्स की अवधि

विशेषज्ञों के मुताबिक एक यूनिट होल ब्लड से तीन यूनिट प्लेटलेट्स तैयार किए जाते हैं लेकिन इसकी अवधि पांच दिन की होती है। पांच दिन के बाद प्लेटलेट्स एक्सपायर हो जाता है। इसी का नतीजा है कि जिला अस्पताल प्लेटलेट्स को तैयार करने में कतरा रहा है। बताया जा रहा है कि जरूरत के हिसाब से प्लेटलेट्स तैयार किए जाते हैं। बर्तमान में दस यूनिट प्लेटलेट्स ब्लड बैंक में मौजूद हैं।

हर रोज 40 से 50 की डिमांड

शहर में करीब आधा दर्जन से अधिक ब्लड बैंक स्थापित हैं। सबसे ज्यादा गोरखनाथ ब्लड बैंक से होल ब्लड और प्लेटलेट्स की सप्लाई अन्य अस्पतालों में ंकी जाती है। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल का ब्लड बैंक अपने मरीजों को ब्लड मुहैया करता है। लेकिन इनके ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स उत्पादन की क्षमता कम हो गई है। उसका कारण प्लेटलेट्स खराब होना है। इसीलिए यहां पर कम प्लेटलेट्स तैयार कराएं जा रहे हैं।

सरकारी में ब्लड का रेट - प्राइवेट में ले जाने का रेट

होल ब्लड--400 प्रति यूनिट --1050 रुपये प्रति यूनिट

पैक्ड रेड सेल्स-400 प्रति यूनिट-1050 रुपये प्रति यूनिट

फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा--200 प्रति यूनिट--300 रुपये प्रति यूनिट

रैंडम डोनर प्लेटलेट्स -200 प्रति यूनिट--300 रुपये प्रति यूनिट

क्रायोप्रेसिपिटेड--100 प्रति यूनिट--200 रुपये प्रति यूनिट

प्राइवेट ब्लड बैंक में रेट

होल ब्लड--1200 रुपये प्रति यूनिट

रैंडम डोनर प्लेटलेट्स--500 रुपये प्रति यूनिट

सरकारी अस्पताल में नि: शुल्क ब्लड

- बीपीएल कार्ड धारक

-थैलेसिमिया, हेमोफीलिया, सिक्ल सेल अनिमिया एवं अन्य रक्त जवित बीमारियों एचआईवी व एडस मरीज

-जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थी

-लावारिस, कैदी, दिव्यांग

वर्जन-

डिमांड के हिसाब से ही प्लेटलेट्स तैयार करवाया जाता है। इस समय डिमांड कम हैं इसलिए थोड़ा बहुत यूनिट प्लेटलेट्स रखे जाते हैं। क्योंकि इसकी एक्सपायरी अवधि पांच दिन की होती है। पांच दिन बाद यह खराब हो जाता है।

डॉ। आरके गुप्ता, एसआईसी जिला अस्पताल

बाक्स-

अब नई टेक्नॉलोजी की प्लेटलेट्स एफेरेसिस मशीन आ गई है। इस मशीन के जरिए एक व्यक्ति से प्लेटलेट्स निकलता है वह आठ से दस लोग के प्लेटलेट्स के बराबर होता है। इसलिए जरूरत है कि डोनर का प्लेटलेट्स काउंट डेढ़ लाख के ऊपर होना चाहिए। जिस ब्लड ग्रुप का मरीज हो उसी ब्लड ग्रुप का डोनर होना चाहिए। मशीन के जरिए बाकी ब्लड डोनर के शरीर में वापस हो जाता है। इमरजेंसी स्थिति में डोनर दो से तीन दिन बाद ब्लड डोनेट कर सकता है।

डॉ। सुरेश सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर एनेस्थिसिया बीआरडी मेडिकल कॉलेज