Artificial shortage है इन दवाइयों की
आखिर इन दवाओं के शार्टेज की वजह क्या है? ड्रग इंस्पेक्टर सुमंत कुमार तिवारी इसे दवाओं की आर्टिफिशियल शार्टेज बता रहे हैं। उनके मुताबिक डीपीसीओ-13 में शामिल दवाओं के प्राइस को लेकर नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी द्वारा बनाए गए रूल के बाद कई दवाओं की कीमतें कम हुई हैं.  ऐसे में कई कंपनीज मार्केट में अवेलेबल पुराने स्टॉक को खत्म करने के उद्देश्य से नयी प्राइस वाली दवाइयां सप्लाई नहीं कर रही। झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के ऑनरेरी जेनरल सेक्रेटरी अमर कुमार सिन्हा भी कुछ ऐसी ही संभावना जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बात की पूरी संभावना है कि कई कंपनीज ने मेडिसिन्स के प्राइस में आई कमी के बाद सप्लाई रोक दिया हो।

हर बार आगे बढ़ रहा है date
सस्ते दवाओं की आस लगाए आम लोगों की उम्मीदें हर बार डेट एक्सटेंशन की वजह से टूट रही है। नए ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के पूरी तरह लागू होने में हर बार कोई-न-कोई अड़ंगा लग रहा है। स्टेट में पहले मैन्यूफैक्चरर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स को दवाओं के नए प्राइस लागू करने के लिए एक जुलाई का समय दिया गया था। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा डीलर्स को लेटर भी लिखा गया था। अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि इस डेट को बाद में 29 जुलाई तक एक्सटेंड किया गया था। पर इस पीरियड के खत्म होने के बाद डेट को एक बार फिर एक्सटेंड कर दिया गया है। ड्रग इंसपेक्टर ने बताया कि डेट को एक महीना बढ़ाकर 29 अगस्त कर दिया गया है। उन्होंने इसकी वजह ड्रग प्राइस को लेकर सात-आठ कंपनीज का कोर्ट जाना बताया। स्टेट ड्रग कंट्रोलर एसके मुखोपाध्याय ने भी कहा कि कई कंपनीज इस मामले को लेकर कोर्ट गई है। जिसके चलते यह रूल पूरी तरह लागू नहीं हो पा रहा है।

क्या है Drug Price Control Order?

मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल एंड फर्टिलाइजर के फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट द्वारा 15 मई को ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर इश्यू किया गया था। इसके तहत नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडिसीन में शामिल 348 दवाओं के प्राइस का निर्धारण नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी (एनपीएए) करेगी। एनपीएए द्वारा इन दवाओं का सीलिंग प्राइस तय किया जाएगा।


ये दवाइयों हैं शामिल

इस लिस्ट में पारासीटामोल, आईबूप्रोपेन, डाइक्लोफेनेक, एमॉक्सीसिलीन, एम्पीसलीन, ओफ्लॉक्सासिन सहित कई इसेंशियल मेडिसिन्स शामिल हैं। ये हैैं एनपीएए द्वारा तय किए गए कुछ इंपोर्टेंट मेडिसिन्स के प्राइस-

 
                 Formulation Strength  Unit Ceilng price
Amoxicillin
capsule     250 mg                          1capsule 2.76
Ampicillin
capsule     250 mg                          1capsule 2.50
Ofloxacin
tablets      100 mg                          1 tablet   3.30
Azithromycin
tablets     100 mg                           1 tablet   5.13
Cetrizine
tablets    10 mg                              1 tablet   1.81
Albendazole
tablets    400 mg                            1 tablet   9.12
Paracetamol
injection    150mg/ml                      1 ml       3.29
Paracetamol
syrup       125mg/5 ml                     1 ml      0.33

 

कई दवाइयां नए प्राइस पर अवेलेबल हैं। कुछ दवाइयों की आर्टिफिशियल शॉर्टेज हो सकती है। हालांकि इन दवाइयों का सब्सिट्यूट मौजूद है। डीपीसीओ-13 को लागू करने के लिए 29 अगस्त तक का समय दिया गया है।
-सुमंत कुमार तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर
 
नई प्राइसिंग लागू होने के बाद कुछ दवाइयों की सप्लाई अभी बंद है। रांची में भी कई दवाइयां अवेलेबल नहीं हैं।
-अमर कुमार सिन्हा, जेनरल सेक्रेटरी, झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

डीपीसीओ-13 को लागू कर दिया गया है, लेकिन इसके विरोध में कुछ कंपनीज कोर्ट चली गई हैं। इसकी वजह से इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। इसे लागू करने में थोड़ा और वक्त लग सकता है।  
-एस के मुखोपाध्याय, स्टेट ड्रग कंट्रोलर

Report by : abhijit.pandey@inext.co.in

 

 

आम लोगों को राहत देने के उद्देश्य से नए ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) के तहत गवर्नमेंट ने तीन सौ से ज्यादा दवाइयों की कीमतों पर नियंत्रण किया है। रूल्स के मुताबिक डीपीसीओ की लिस्ट में शामिल दवाओं को नेशनल फार्मस्यूटिकल प्राइसिंग ऑथोरिटी द्वारा निर्धारित प्राइस से ज्यादा में नहीं बेचा जा सकता। फ्यूचर में भले ही इस रूल से आम लोगों को फायदा हो पर फिलहाल ये लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। वजह है कई दवाओं का मार्केट से आउट होना। जी हां, नए प्राइसिंग की वजह से सिटी के मार्केट से कई दवाइयां गायब हो गई हैं। ऐसे में पेशेंट्स को इन दवाइयों के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।