-केमेस्ट्री, फिजिक्स जैसे महत्वपूर्ण सब्जेक्ट्स के शिक्षकों की भारी कमी

-स्कूलों ने डीआईओएस को भेजा पत्र, शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर मांगी मंजूरी

कई विषय के एक्सपर्ट तक नहीं
lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : प्रदेश सरकार यूपी बोर्ड की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी एडेड स्कूलों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। कई स्कूलों में मेन सब्जेक्ट के टीचर्स की भी कमी है। हाल यह है कि एडेड स्कूलों में कई विषय के एक्सपर्ट तक नहीं हैं।

इन सब्जेक्ट के टीचर नहीं
मौजूदा समय में राजधानी में करीब 127 सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इन स्कूलों में करीब एक लाख के आसपास स्टूडेंट्स हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर स्कूलों की छात्र संख्या पर दिखना शुरू हो गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की माने तो मौजूदा समय में एडेड स्कूलों में मैथ्स, फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के शिक्षकों की भारी कमी है। सर्वाधिक हालात राजधानी के करीब 64 सहायता प्राप्त कॉलेजों की खराब है, जहां एक या दो शिक्षकों के भरोसे ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई कराई जा रही है।

रिटायर्ड शिक्षकों के सहारे स्कूल चलाने की तैयारी
इस पर शासन ने अस्थाई रूप से रिटायर्ड शिक्षकों को रखने का निर्देश दिया है। इस पर डीआईओएस की ओर से अप्रैल में कवायद शुरू कर दी है। पर आलम यह है कि सेवानिवृत्त शिक्षक पढ़ाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत राजधानी में अभी तक कुल सौ शिक्षकों ने भी आवेदन नहीं किया है। जबकि मौजूदा समय में राजधानी में करीब पांच सौ शिक्षकों की जरूरत है। वहीं हर साल तमाम शिक्षक रिटायर हो रहे हैं।

कई बार हो चुकी नियुक्ति की मांग
इसको लेकर प्रिंसिपल ने कई बार शासन से शिक्षक नियुक्ति करने की मांग की। इस पर शासन ने अस्थाई रूप से शिक्षक नियुक्ति करने का निर्देश दिया है। पर एडेड स्कूलों के मैनेजमेंट के मनमानी और गलत तरीके से निकाले गए नियुक्ति प्रक्रिया के कारण कई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति लटक गई। मौजूदा समय में राजधानी में करीब एक दर्जन से अधिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद चल रहा है।

पूल बनाने की बात भी हवा हवाई
शिक्षकों के खाली पदों को देखते हुए छात्रों के पढ़ाई में काई दिक्कत न हो इसके लिए रिटायर शिक्षकों का एक पूल भी बनाना था। जिसके आधार पर जिस स्कूल में जिस विषय के शिक्षकों की कमी होगी उन्हें वहां भेजा जाएगा। पर जून आधा बीतने के बाद भी अभी तक शिक्षकों के पूल का कही कुछ पता नहीं। शासन की ओर से सेवानिवृत्त शिक्षकों को रखने के लिए बजट भी जारी करने का आदेश दिया गया है। जिसके तहत हर जिलें में डीआईओएस स्तर पर प्रवक्ता को 20 हजार व सहायक अध्यापक को 15 हजार प्रतिमाह देना तय किया गया था।

750 टीचर हैं कार्यरत
माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्रा का कहना है कि, सहायता प्राप्त हाईस्कूल में इस समय 250 सहायक अध्यापक शिक्षण कार्य कर रहे है। इसी प्रकार इंटर में 450 शिक्षक हैं। जबकि राजधानी में करीब एक हजार से अधिक शिक्षकों की जरूरत है।

अस्थाई रूप से शिक्षक रखे जाएंगे
सहायता प्राप्त माध्यमिक कॉलेजों में अस्थाई रूप से शिक्षक रखे जाएंगे। इसको लेकर आवेदन प्रक्रिया चल रही है। जुलाई से स्कूल खुलते ही सेवानिवृत्त शिक्षकों का पूल तैयार कर स्कूल वाइस शिक्षक वहां भेजे जाएंगे।
मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस