विंडो से हो रही दलाली

आरटीओ ऑफिस परडे 700 से 800 एप्लीकेंट्स आते हैं, लेकिन किसी भी कर्मचारियों से ज्यादा दलाल अवेलेबल रहते हैं। हो भी क्यों न इनकी पकड़ आरटीओ ऑफिस के अंदर तक जो है। लिहाजा एप्लीकेंट्स के सामने भी कोई ऑप्शन नहीं बचता। बता दें के आरटीओ ऑफिस के आस-पास दलालों का कुनबा 200 से अधिक है। ये पैसे लेकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का काम मिनटों में करते हैं। इनके लिए बाकायदा विंडोज भी ओपेन कर दी गई हैं। इस विंडो के जरिए इनका पूरा खेल चलता रहता है, जबकि खुद से लाइसेंस बनाने में लंबी लाइन से होकर गुजरना पड़ता है।

करोड़ों रुपए की दलाली

लाइसेंस बनाने वाले दलालों की महीने की कमाई एक दो लाख नहीं बल्कि करोड़ों रुपए है। सोर्सेज की मानें तो लाइसेंस के नाम पर एक कैंडीडेट से 1500 रुपए लेने वाले इन दलालों की कमाई महीने में 4 करोड़ रुपए से भी अधिक है। एक-एक दलाल की कमाई मंथ में एक लाख रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं एप्लीकेंट्स से मोटी कमाई कर रहे दलालों ने अपने हेल्पर भी रख रखे हैं। इन्हें हर एप्लीकेंट्स के बेसिस पर अच्छी-खासी कमीशन भी दी जाती है।

वसूलते हैं तिगुने पैसे

खुद से लाइसेंस बनवाने पर टोटल खर्चा करीब 300 से 400 रुपए के बीच आता है। मगर यही लाइसेंस दलालों के जरिए बनवाने पर 1500 रुपए खर्च आता है। सोर्सेज ने बताया कि यह काम सिर्फ दलालों के ही भरोसे नहीं हो रहा है। आरटीओ के कुछ कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं, इसके चलते लाइसेंस बनवाने का काम आसानी से हो जाता है। दलालों का यह खेल इतने पर ही खत्म नहीं होता है। वह 25 रुपए के टिकट लगे एंवैलप की जगह 30 रुपए वसूल करते हैं।

आयुक्त की कोशिश नाकाम

केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 4 में लाइसेंस एप्लीकेंट्स को सभी डॉक्यूमेंट्स आरटीओ ऑफिस में जमा करने होते थे उसके बाद एप्लीकेंट्स को डायरेक्ट लाइसेंस दिए जाते थे। इस व्यवस्था से दलालों की काफी चांदी रहती थी। ऐसे में उन पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन आयुक्त ने पूरे स्टेट में स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री के जरिए लाइसेंस भेजने का प्रोसेस शुरू किया। मगर दलालों के आगे परिवहन आयुक्त की ये कोशिश भी नाकाम है। आरटीओ ऑफिस में दलालों की सक्रियता की भनक आला अधिकारियों को भी है। इनको हटाने के लिए कई आरटीओ ने अपने तरफ से प्रयास किए मगर वो कामयाब नहीं हो सके।

नए साल में नई पहल

नए साल में आरटीओ का पदभार संभालने वाली ममता शर्मा ने दलालों के खिलाफ कार्रवाई स्टार्ट की है। उन्होंने दलालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पीडŽल्यूडी, स्थानीय थाने व चौकी को लेटर भेजा है। वहीं आरटीओ कैंपस के अंदर जिस मकान में दलाल रह रहे हैं, उनके खिलाफ भी नोटिस भेजा गया है।