- शहर की कई सड़कों पर स्थानीय पब्लिक ने डिवाइडर को तोड़ बना लिया शार्टकट

- कुछ स्थानों में डिवाइडर पर नहीं लगे हैं डिलाइनेटर 'रेडियम लाइट युक्त पोल'

- रात को हाईवे पर अक्सर यही खामियां बनती हैं बड़े सड़क हादसे का कारण

KANPUR। किसी भी शहर का ट्रैफिक देखकर पता चल जाता है कि वहां की पब्लिक कितनी अवेयर और अलर्ट है। क्योंकि बिना पब्लिक की भागीदारी के किसी सिस्टम को बेहतर और कारगर नहीं बनाया जा सकता है। इस मामले में कानपुर के हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं। लोगों ने अपनी सुविधा के लिए नियमों को ताख पर दिया है भले वह किसी के लिए जानलेवा हो। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 'बदलेंगे हम, सुधरेगा ट्रैफिक' अभियान के तहत जीटी रोड व दूसरे हाइवे का जायजा लिया तो कई स्थानों पर पब्लिक ने डिवाइडर को तोड़ 'मौत के शॉर्टकट' बना रखे थे। निर्धारित यू टर्न के बजाए लोग इन्हीं शॉर्टकट से मुड़ जाते हैं। शॉर्टकर्ट के चक्कर रांग साइड ड्राइविंग भी करते दिखे। जिसकी वजह से कई बार सड़क हादसे हो चुके हैं जिनमें कई घरों के चिराग भी बुझ गए।

पता नहीं चलता कहां है डिवाइडर

शहर की सड़कों में कई स्थानों में डिवाइडर शुरू होने के स्थान पर डिलाइनेटर ही नहीं लगे है। ऐसे डिवाइडर रात में दुर्घटना का मुख्य कारण बनते है। नियमानुसार डिवाइडर के प्रारंभ वाले स्थान पर डिलाइनेटर लगा होना चाहिए। जिससे वाहन चालक को डिवाइडर होने की जानकारी मिल जाए। शहर के कई डिवाइडर पर डिलाइनेटर न लगे होने की वजह से यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

डिवाइडर के सामने जेब्रा क्रासिंग

शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू हो चुका है। कानपुराइट्स ने ऑटोमैटिक सिग्नल व्यवस्था से चलना भी शुरू कर दिया है लेकिन इस व्यवस्था में नगर निगम ने बड़ी लापरवाही की है। शहर के कई ऐसे चौराहे हैं। जहां नगर निगम ने जेब्रा क्रॉसिंग को डिवाइडर के सामने बना दिया है। ऐसे में अगर पब्लिक जेब्रा क्रासिंग नियम को फॉलो भी करना भी चाहे तो वह नहीं कर सकती है।

सड़कों से गायब कैट आई

सड़कों की साइड लाइन व मिडिल लाइन का संकेत रात में वाहन चालकों को देने के लिए कैट आई लगा दिए जाते हैं। जिससे रात में वाहन चालक को सफर तय करने में काफी आसानी होती है। वर्तमान में शहर की सड़कों से यह कैट आई गायब हो चुके हैं। इससे रात में वाहन चालकों को सड़कों की साइड लाइन, मिडिल लाइन व डिवाइडर लाइन की जानकारी नहीं मिल पाती है। जोकि दुर्घटना का कारण बनते हैं।

क्या है कैट आई व डिलाइनेटर

एसपी ट्रैफिक सुशील कुमार ने बताया कि 'कैट आई' रेडियम युक्त छोटा सा बॉक्स टाइप का होता है। जो सड़कों पर साइड लाइन, मिडिल लाइन, स्टॉप लाइन व अन्य स्थानों में लगाया जाता है। रात में यह वाहनों की लाइट पड़ने पर चमकती है। जिससे वाहन चालक को जानकारी हो जाती है कि कहां स्टॉप लाइन है और कहां पर साइड लाइन व जेब्रा क्रासिंग है। वहीं 'डिलाइनेटर' डिवाइडर के शुरुआत में बैरीकेडिंग वाले स्थान में सड़कों पर लगाया जाता है। जिसमें रेडियम युक्त लाइट लगी होती है। इससे वाहन चालक को पता चल जाता है कि आगे डिवाइडर शुरू हो रहा है।

कोट

शहर के यातायात व्यवस्थित करने के लिए ट्रैफिक विभाग डीजे आई नेक्स्ट के अभियान के साथ है। साथ ही ट्रैफिक व्यवस्थाओं की कमियों को धीरे-धीरे दूर किया जा रहा है। जिससे शहर का यातायात बेहतर बनाया जा सके।

सुशील कुमार, एसपी ट्रैफिक

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ये कारण भी बन रहे बड़ी बाधा

-हाईवे पर डिवाइडर तोड़कर बना लिए हैं शॉर्टकट

-डिवाइडर शुरू होने से पहले नहीं लगे हैं डिलाइनेटर

-अपनी सुविधा के लिए रांग साइड करते हैं ड्राइविंग

-शहर की सड़कों से गायब हो चुकी है कैट आई

-कई जगह डिवाइडर के सामने बना दी है जेब्रा कॉसिंग

-ज्यादातर सड़कों से गायब हो चुकी हैं रेडियम पट्टियां