सालों पुरानी खूनी केबिल वार एक बार फिर शुरू हो गई लगती है। गुरुवार को डेन गैलेक्सी केबिल नेटवर्क के मैनेजर पवित्र मैत्रेय की सरेआम गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। आरजी इंटर कॉलेज के ठीक सामने तीन हथियारबंद बदमाशों ने ऑफिस जा रहे पवित्र को घेर लिया। उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। पवित्र की मौके पर ही मौत हो गई। मोटरसाइकिल पर भागते बदमाशों को व्यापारियों ने पकडऩे की कोशिश की तो उन पर भी फायर किए गए। इसमें एक गोली बाइक मैकेनिक सुनील यादव को लग गई। मैकेनिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है। घटना से गुस्साए व्यापारियों ने जाम लगा दिया और बसों में तोडफ़ोड़ कर दी।

दफ्तर जा रहे थे
पवित्र मैत्रेय पुत्र वेदप्रकाश मैत्रेय 120/2 साकेत में रहते थे। पवित्र डेन गैलेक्सी केबल नेटवर्क में मैनेजर थे। गैलेक्सी का कंट्रोल रूम बच्चा पार्क स्थित स्टार प्लाजा में है। गुरुवार को पवित्र पल्सर बाइक पर अपने घर से ऑफिस जा रहे थे। करीब पौने दस बजे जैसे ही पवित्र आरजी इंटर कॉलेज के सामने पहुंचे तीन बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। पवित्र को पांच गोलियां लगीं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

पीछा किया
आस-पास के दुकानदारों ने बदमाशों को पकडऩे की कोशिश की। व्यापारियों ने बदमाशों पर पत्थर चला दिए। यादव सर्विस सेंटर के सुनील यादव ने बदमाशों पर ईंट फेंकी तो बदमाशों ने उस पर भी गोलियां चला दीं। एक गोली सुनील के पेट में जा धंसी। बदमाश शिव चौक की तरफ फरार हुए। एक स्थानीय शख्स ने स्कूटर से बदमाशों का पीछा किया तो उस पर भी फायर झोंके। करीब तीन फायर किए गए लेकिन गोली नहीं लगी। शख्स ने बताया कि हीरालाल अस्पताल तक पहुंचकर उसकी हिम्मत जवाब दे गई। बदमाश नाले की तरफ से फरार हो गए।

वारदात से दहशत
जिस जगह ये वारदात हुई वहां हर वक्त भारी भीड़ रहती है। रास्ता भी संकरा है। उस वक्त आरजी कॉलेज में एग्जाम चल रहा था। गोलीबारी से इलाके में सनसनी फैल गई, जो भी सामने आया बदमाशों ने उस पर गोलियां चलाईं। एक गोली जनरेटर में जाकर लगी तो कुछ सडक़ में जा धंसी। व्यापारी पवित्र और सुनील को नजदीक ही चौरसिया नर्सिंग होम ले गए। वहां डॉक्टरों ने पवित्र को मृत घोषित कर दिया। सुनील का इलाज शुरू किया गया। सुनील की किडनी डैमेज बताई गई है। उसकी हालत अब खतरे से बाहर है।

पुलिस पहुंची
घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके से आठ खोखे बरामद किए। पूरे शहर की पुलिस को एलर्ट कर दिया गया। लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं लग सका। इस सनसनीखेज हत्याकांड से गुस्साए व्यापारियों ने पुलिस अधिकारियों को घेर लिया। एसएसपी, एडीएम सिटी, एसपी सिटी, सीओ से व्यापारियों की जमकर झड़प हुई।

जान पर खेल गया सुनील
सर्विस सेंटर संचालक सुनील यादव ने अपनी जान पर खेलकर बदमाशों को पकडऩे की कोशिश की। तीनों बदमाश पल्सर पर सवार थे। तीनों के हाथ में विदेशी पिस्टल थीं। बदमाश ताबड़तोड़ गोलीबारी कर रहे थे। लेकिन सुनील इससे भी नहीं डरा। वो बदमाशों के आगे अड़ गया और उन पर ईंट फेंककर मारी। बदमाशों ने सुनील पर गोलियां बरसा दीं। एक गोली उसके पेट में जा धंसी।

एक शख्स ने पीछा किया
एक स्थानीय निवासी ने भी बहादुरी से काम लिया। उसने भी बदमाशों पर पत्थर चलाए। बदमाशों ने उस पर भी तीन फायर किए। लेकिन गनीमत रही कि गोली नहीं लगी। इस शख्स ने एक एक्टिवा वाले को रोका और उस पर सवार हो गया। शख्स ने हीरालाल अस्पताल तक बदमाशों का पीछा किया। एक्टिवा चालक की हिम्मत जवाब दे गई। तब तक बदमाश नाले की तरफ मुड़ गए और आंखों से ओझल हो गए।

भाड़े के शूटरों का इस्तेमाल
 जिस सनसनीखेज तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया इससे लगता है कि ये काम प्रोफेशनल शूटरों का है। तीनों के हाथ में विदेशी पिस्टल थीं। तीनों एक ही पल्सर पर सवार थे। एक ने हेल्मेट लगाया हुआ था।

पांच गोलियां लगीं
पोस्टमार्टम के वक्त पवित्र की बॉडी से दो गोलियां निकली हैं। जबकि तीन गोलियां बॉडी के आर-पार हो गईं। गोलियां अलग-अलग साइज की हैं। डॉक्टरों और पुलिस का कहना था कि ऐसी गोलियां बहुत कम ही देखने को मिलती हैं। कुछ गोलियां नाइन एमएम तो कुछ 7.65 एमएम और कुछ 10.62 एमएम की थीं। इससे लगता है कि बदमाश अत्याधुनिक असलहों से लैस थे।

नहीं थी पुलिस
जिस जगह ये वारदात हुई वहां से यूं फरार हो जाना बहुत मुश्किल है। रास्ता संकरा है। इस सडक़ पर अक्सर जाम लगा रहता है। आमतौर पर शिव चौक और आरजी इंटर कॉलेज के पास भी पुलिस रहती है लेकिन आज पुलिस यहां मौजूद नहीं थी। यही कारण रहा कि बदमाश भागने में सफल रहे।

इस हत्या में पवित्र के साले एसके शर्मा ने मुकदमा कायम कराया है। लेकिन अभी तक कातिलों का कोई सुराग नहीं लगा है। केबल व्यवसाय से जोडक़र मामले को देखा जा रहा है। शूटर्स को पकडऩे के लिए कई टीमें बनाई गई हैं।
- मनीषा सिंह, सीओ सदर कैंट