- राजस्व परिषद के सदस्य ने किया कलक्ट्रेट का निरीक्षण

- भूमि विवादों में आयी कमी

- खतौनी में खातेधारको के नाम, हिस्सा व तरफ दर्ज होने से आएगी पारदर्शिता

Meerut । उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम-2016 का कड़ाई से शतप्रतिशत अनुपालन किया जाए। आमजन को राजस्व संहिता में निर्धारित तय समयसीमा के अन्तर्गत उनके वादों का समय और गुणवत्ता के साथ निस्तारण किया जाए। राजस्व परिषद के सदस्य चंद्र प्रकाश ने गुरुवार कलक्ट्रेट का निरीक्षण करते हुए राजस्व वादों की समीक्षा की।

पारदर्शिता लाएं अफसर

परिषद के सदस्य ने कहा कि राजस्व संहिता अधिनियम-2016 के अन्तर्गत राजस्व कार्यो में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कार्य की समयसीमा निर्धारित की गई है, जिससे भूमिधारक को अनावश्यक परेशान न होना पड़े। नई राजस्व संहिता अधिनियम-2016 को पूरे प्रदेश में 11 फरवरी 2016 से लागू किया गया है। कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यो की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सीधे आम जन से जुड़ा विभाग है, जो प्रत्येक नागरिक के जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए राजस्व से जुडे सभी अधिकारियो की जिम्मेदारी और अधिक बनती कि वे आम जन की भलाई के लिए दायित्वों का निर्वहन करें।

खसरा-खतौनी ऑनलाइन

आईजीआरएस पोर्टल के कार्यो की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को गम्भीरता से लें। कोई अधिकारी इस कार्य में लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। खतौनी व खातेदार के हिस्से व भौतिक विभाजन, नामांतरण शुल्क निर्धारण, राजस्व अभिलेखों में त्रुटि संबंधी सुधार आदि की प्रक्रिया में नए प्रावधान के तहत परिवर्तन किया गया है। डीएम बी चंद्रकला ने बताया कि जनपद के सभी तहसीलों में राजस्व रिकार्ड को ऑनलाइन कर दिया गया है। एडीएम प्रशासन दिनेश चन्द्र, फाइनेंस गौरव वर्मा, नगर मुकेश चन्द्र, नगर मजिस्ट्रेट अवधेश सिंह, ज्वाइट मजिस्ट्रेट अरविन्द सिंह, एसडीएम मेरठ हर्षिता माथुर, मवाना अरविन्द कुमार सिंह, सरधना राकेश कुमार सिंह आदि मौजूद थे।