अदालत ने कहा है कि जर्मनी को सगे संबंधियों के बीच यौन संबंध या कौटुम्बिक व्यभिचार को रोकने का पूरा अधिकार है। ये मामला कुछ असामान्य सा इसलिए भी है क्योंकि भाई बहन दोनों का लालन पालन अलग-अलग हुआ है और अपने बचपन में वे एक दूसरे से कभी नहीं मिले।

सगे संबंधियों के बीच यौन संबंध या कौटुम्बिक व्यभिचार एक प्राचीन समस्या है लेकिन जर्मनी के इस मामले ने अपनी परिस्थितियों की वजह से मीडिया में एक गरमा-गरम बहस छेड़ दी है।

चार बच्चे भी हैं

पैट्रिक स्टूबिंग और सुसन कैरोलेवस्की भाई बहन हैं लेकिन वे बचपन में एक दूसरे से इसलिए नहीं मिल सके क्योंकि भाई को किसी और परिवार को गोद ले लिया था। पैट्रिक अपने असली परिवार से तभी मिल सका जब उनकी उम्र बीस वर्ष से अधिक हो चुकी थी।

उनकी माँ की मौत के बाद दोनों के बीच प्यार पनप गया। अब उनके चार बच्चे हैं। जिनमें से तीन को बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। उनको कौटु्म्बिक व्यभिचार का दोषी ठहराया गया और पैट्रिक ने तीन बरस जेल में बिताए। लेकिन वे इस जिद पर अड़े हैं कि उनका प्यार किसी और प्यार के रिश्ते से अलग नहीं है।

कौटुम्बिक व्यभिचार के खिलाफ कानून इसलिए बनाया गया था क्योंकि इसमें इस बात की आशंका बहुत अधिक होती है कि होने वाली संतानें विकलांग पैदा होंगी। ये आशंका निर्मूल भी नहीं है क्योंकि पैट्रिक और सुसन के चार बच्चों में से दो विकलांग हैं।

अब इस भाई-बहन के वकील तर्क दे रहे हैं कि जब दो विकलांग लोग आपस में विवाह करते हैं या बुज़ुर्ग लोग बच्चा पैदा करते हैं तब भी इसकी आशंका होती है कि बच्चे विकलांग पैदा हों, लेकिन इस पर रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन इस तर्क से यूरोपीय मानवाधिकार अदालत सहमत नहीं हुआ। अदालत ने कहा है कि जर्मनी ने कौटुम्बिक व्यभिचार के खिलाफ जो रोक लगाई है उससे उनके मानवाधिकारों का कोई हनन नहीं होता।

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