- कांच तोड़कर निकाला गया धुआं, फायर ब्रिगेड ने बुझाई आग

- आंखों में तारी हुआ गोयल रेजीडेंसी कांड का खौफ

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PRATAPGARH: शहर के पुराना माल गोदाम रोड के पास स्थित सिद्धार्थ होटल मंगलवार की रात आग की लपटों में घिर गया। इससे होटल के रेस्टोरेंट में खाना खाने पहुंचे शहरियों सहित होटल में ठहरे लोगों में भगदड़ मच गई। होटल में आग की खबर पर जिला प्रशासन में भी हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस अधिकारी फायर बिग्रेड की टीम के साथ मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुट गए। फायर बिग्रेड ने मशक्कत से आग बुझाई। होटल के शीशे तोड़कर धुएं को बाहर निकाला गया।

रिलायंस ऑफिस में शार्ट सर्किट

होटल सिद्धार्थ के फ‌र्स्ट फ्लोर रेस्टोरेंट चलता है। बगल में रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस का दफ्तर है। मंगलवार की रात अचानक रिलायंस के दफ्तर में शार्ट सर्किट से आग लग गई। धुआं बाहर निकलने पर होटल के मैनेजर दुष्यंत कुमार को आग लगने की जानकारी हुई। इस बीच आग की खबर से होटल में भगदड़ मच गई। लोग कमरों व रेस्टोरेंट से निकल कर बाहर भागने लगे। धुआं निकलते देख हाइवे से गुजर रहे लोग भी ठहर गए। सभी के जेहन में गोयल रेजीडेंसी में लगी आग की बात ताजा हो गई।

कंट्रोल रूम को दी सूचना

मैनेजर दुष्यंत कुमार ने फौरन सूचना कंट्रोल रूम, फायर ब्रिगेड, होटल मालिक को दी। पुलिस व दमकल कर्मी फौरन घटनास्थल की ओर भागे। दमकल कर्मी खिड़कियों का शीशा तोड़ कर आग बुझाने में जुट गए। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। दमकल कर्मियों का कहना था कि शायद यूपीएस की बैट्री लीक हो गई। इससे नीचे रखे गत्ते में आग लग गई। गत्ते से बढ़कर तारों से होते हुए आग कंप्यूटरों तक पहुंच गई। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझाने के बाद भी पूरे होटल को पुलिस चेक कर रही थी कि कहीं और से धुआं तो नहीं निकल रहा है। फिलहाल होटल में तीन कमरों में चार लोग रुके थे, वह सुरक्षित थे।

चली गई थी दस की जान

प्रतापगढ़ में होटल गोयल रेजीडेंसी में 19 जून 2015 को भीषण आग लगी थी। इस हादसे में होटल में ठहरे दस लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद होटल को सील कर दिया गया था। यही वजह रही कि होटल सिद्धार्थ में आग लगी तो सभी की आंखों में होटल रेजीडेंसी कांड तारी हो गया और मारे दहशत के भगदड़ मच गई। प्रशासन भी तुरंत हरकत में आ गया।

लीपापोती में जुटा होटल प्रशासन

होटल में आग लगने के बाद होटल प्रशासन घटना की लीपापोती में जुट गया। होटल प्रशासन यह दर्शाने की कोशिश में जुट गया कि उसके यहां कोई ठहरा ही नहीं था। जबकि कमरों में जूठी पड़ी खाने की थालियां इस बात की गवाही दे रही थीं कि लोग यहां ठहरे थे। होटल प्रशासन ने मीडियाकर्मियों से रजिस्टर भी छिपा लिया।