- खबर छपने के बाद हरकत में आया प्राधिकरण प्रशासन

-सचिव ने माना, गलती से नहीं हुए समझौता पत्रों में साइन

-सचिव के साइन के बाद पत्रावलियां पहुंची एडीएम एलए कार्यालय

आई इम्पैक्ट

मेरठ: किसानों के साथ धोखाधड़ी के प्रकरण में बैकफुट पर आते हुए प्राधिकरण ने समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर करने आरंभ कर दिए हैं। गंगानगर, वेदव्यासपुरी और लोहियानगर के किसान प्रतिकर की मांग को लेकर एक ओर लड़ रहे हैं तो वहीं एमडीए ने किसानों के साथ छलावा कर दिया। प्राधिकरण के किसी भी अफसर के बिना साइन समझौता पत्र लेकर एडीएम एलए कार्यालय पहुंचे किसानों को अफसर ने यह कहते हुए चलता कर दिया था कि समझौता पत्रों प्रमाणिकता साबित नहीं हो रही है।

अफसरों ने लिया संज्ञान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किसानों के साथ हुई धोखाधड़ी को प्रमुखता से प्रकाशित किया जो प्राधिकरण ने प्रकरण को संज्ञान में लिया। सचिव अवनीश शर्मा ने शनिवार को कुछ किसानों को बुलाकर उनके समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने स्वीकारा कि 'ये गलत है, किसानों को जल्दबाजी में प्राधिकरण के कुछ बाबुओं ने बिना साइन कराए समझौता पत्र थमा दिए। दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के बिना समझौता पत्र अमान्य है.'

पत्रावलियां पहुंची प्रशासन

शनिवार को सचिव अवनीश शर्मा के हस्ताक्षर के कुछ पत्रावलियां एडीएम एलए मंजूलता के समक्ष पहुंची हैं। पत्रावलियों के परीक्षण के लिए एडीएम एलए ने समिति गठित कर दी है। गौरतलब है कि तीनों योजनाओं के किसानों के करीब 150 पत्रावलियां जांच के लिए लंबित हैं। प्रतिकर को लेकर हंगामा कर रहे किसानों ने सचिव के साइन के बाद राहत की सांस ली है।

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समझौता पत्रों पर हड़बड़ी में साइन नहीं किए गए। बिना साइन के समझौता पत्र की प्रमाणिकता शून्य है। किसानों के समझौता पत्रों पर साइन करना आरंभ कर दिया गया है।

-अवनीश शर्मा, सचिव, एमडीए