- जिला मुख्यालयों पर शिक्षामित्रों का प्रदर्शन, कई बेहोश

- कन्नौज और कानपुर में में रोकी ट्रेन, अब दो कैजुअल्टी

- कौशांबी में सुसाइड की कोशिश, फिरोजाबाद में शिक्षामित्र को हार्ट अटैक

lucknow/allahabad@inext.co.in

शिक्षामित्रों का समायोजन अवैध करार देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सोमवार को प्रदेश भर में गम गुस्सा और बवाल की स्थिति रही। शिक्षामित्रों ने रेलवे ट्रैक से लेकर स्कूलों तक प्रदर्शन किया। स्कूलों में तालाबंदी से लेकर जुलूस निकाले गए। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए लॉ एंड ऑर्डर को व्यवस्थित रखने में पुलिस-प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी। प्रदर्शन के दौरान बड़ी हिंसा तो सामने नहीं आई, लेकिन लेकिन कई जिलों में हाथापाई होने या प्रदर्शनकारी शिक्षामित्रों के बेहोश होने की सूचनाएं मिलीं। सरकार इस मसले का हल निकालने में जुट गई है।

रेलवे ट्रैक, कहीं रोड जाम

आईजी लॉ एंड आर्डर ए। सतीश गणेश ने बताया कि सोमवार को शिक्षामित्रों ने कन्नौज व कानपुर में रेलवे ट्रैक जाम करने की कोशिश की। अधिकारियों के समझाने पर ट्रैक खाली हो सका।

दो कैजुअल्टी

आईजी ने बताया कि इस पूरे में मामले में सिर्फ दो कैजुअल्टी की पुष्टि हुई है। एक कैजुअल्टी कन्नौज में हुई, जहां एक शिक्षामित्र ने सुसाइड कर लिया। वहीं दूसरे शिक्षा मित्र की फैजाबाद में हार्ट अटैक से मौत की खबर है। कन्नौज में सुसाइड करने वाले शिक्षामित्र के परिजनों को सरकार की ओर से पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। फैजाबाद की घटना के बारे में फैजाबाद के डीएम और संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।

सरकार कर रही है मंथन

शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ आए डिसीजन को लेकर सरकार भी माथापच्ची कर रही है। इसके लिए चीफ सेक्रेटरी और बेसिक एजुकेशन और लीगल सेल के उच्चाधिकारियों के साथ मीटिंग कर कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बारे में डिस्कशन किया गया। कोर्ट में किन पहलुओं को मजबूती से रखा जाए इसके बारे में भी बात हुई।

स्मृति ईरानी ने दिया मदद का भरोसा

जहां एक तरफ शिक्षामित्र प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं, सोमवार को एजुकेशन पॉलिसी के डिस्कशन के लिए लखनऊ आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से भी पांच शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और शिक्षामित्रों की मांगों को उनके सामने रखा। स्मृति ईरानी ने शिक्षामित्रों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

2010 में एनसीटीई ने दी थी अनुमति

शिक्षामित्र मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2010 में एनसीटीई ने यूपी को अनुमति देते हुए कहा था कि शिक्षामित्रों को दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण दिलाया जाए। हमने भी कर दिया। अब जब उन्हें शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया गया तो केंद्र सरकार टीईटी में क्यों नहीं छूट दे रही।