Lucknow: क्राइम ब्रांच टीम ने मंगलवार शाम मुखबिर की इन्फॉर्मेशन पर हजरतगंज एरिया में छापेमारी कर फेक आईडी प्रूफ पर सिम बेचने वाले दो जालसाजों को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दर्जनों सिम, सैकड़ों फेक आईडी, फोटोग्राफ व मोबाइल फोन बरामद किया। पुलिस का कहना है कि ये लोग नक्सलियों को सिम सप्लाई करते थे।
फ्रेन्चाइजी से जुड़े हैं
क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर संजय राय को मंगलवार शाम इन्फॉर्मेशन मिली कि जीपीओ गेट के पास दो एजेंट्स फर्जी आईडी प्रूफ तैयार कर लोगों को प्री एक्टिवेटेड सिम बेच रहे हैं। इन्फॉर्मेशन मिलते ही उन्होंने अपनी टीम के साथ छापेमारी कर वहां मौजूद दो युवकों को अरेस्ट कर लिया.
पकड़े जाने पर उन्होंने अपना नाम रकाबगंज बाजारखाला निवासी रामकुमार कनौजिया तथा आलमबाग निवासी कपिल दीक्षित बताया। टीम ने उनके कब्जे से 37 प्री-एक्टिवेटेड सिमकार्ड, 82 कैफ फॉर्म, 82 आईडी की फोटो कॉपी, अलग-अलग लोगों की 80 फोटोग्राफ्स व एक मोबाइल फोन बरामद किया। इन्क्वायरी में पता चला कि दोनों जालसाज बीएसएनएल के फ्रेन्चाइजी केपी मित्तल से संबंधित हैं और सिम एक्टीवेशन का काम करते हैं.
मामूली फायदे के लिए करते थे सिम का सौदा
इंस्पेक्टर राय ने बताया कि गिरफ्त में आये आरोपी फर्जी आईडी प्रूफ तैयार कर सिम को एक्टीवेट करा लेते थे और इन्हें अनजान लोगों को 500 से 700 रुपये तक बेच देते थे। राय के मुताबिक, उन्हें बीते दिनों इन्फॉर्मेशन मिली थी कि यूपी, बिहार, झारखण्ड के नक्सली ग्रुप्स लखनऊ से एक्टीवेटेड सिम को इस्तेमाल कर रहे हैं.  आशंका जताई जा रही है कि इन्हीं एजेंटों से नक्सली ग्रुप्स के एजेंट्स ने सिम खरीदे और उन्हें नक्सलियों को सप्लाई कर दिया।
होगी इन्क्वायरी
इंस्पेक्टर राय ने बताया कि अरेस्ट हुए जालसाजों ने अब तक करीब 2500 सिम बेचे हैं। अब जांच कराई जा रही है कि इनके द्वारा बेचे गये कितने सिम नक्सलियों के हाथ लग चुके हैं। इसके अलावा फ्रेन्चाइजी द्वारा भी बेचे गये सिम की इन्क्वायरी की जा रही है.