Dead worker के नाम पर सिम
ऐसे ही एक केस का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस किडनैप्ड स्टूडेंट की तलाश मेंं जांच कर रही थी। जांच में पता चला कि पुलिस किडनैपिंग केस में जिस मोबाइल और सिम को खोज रही है, वह एचईसी के मृत कर्मी के एड्रेस पर है। उसकी मौत के बाद उक्त सिम को कोई और यूज कर रहा है। रांची पुलिस को न सिर्फ इसकी जांच करने में समय गंवाना पड़ा, बल्कि परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।

क्या है मामला?
11 अप्रैल, 2013 को मनातू गांव से अगवा स्टूडेंट आकांक्षा को बरामद करने के लिए कांके थाना पुलिस ने उसके मोबाइल के कॉल डिटेल्स निकाले। मोबाइल के कॉल डिटेल्स में एक नंबर ऐसा था, जो पुलिस को परेशान किए हुए था। उक्त मोबाइल नंबर का जब डिटेल्स निकाला गया, तो पाया गया कि मोबाइल नंबर किसी महिला के नाम पर है। लेकिन, उसमें जो एड्रेस दिया गया है कि वह एचईसी में कार्यरत एक व्यक्ति का है। पुलिस जब एचईसी पहुंची, तो पता चला कि जिस व्यक्ति के नाम पर सिम है, उसकी मौत तीन साल पूर्व ही हो चुकी है। उसके नाम पर जारी सिम का यूज उसकी पत्नी करती है। उसकी मौत के बाद उसका परिवार भी उस जगह को छोड़ कर कहीं चला गया है। पुलिस को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। इसी बीच पुलिस ने उक्त नंबर को सर्विलांस पर डलवा दिया। सर्विलांस से पता चला कि मोबाइल का लोकेशन रातू रोड के रिलायंस फ्रेश के पास है। पुलिस जब उस लोकेशन पर पहुंची, तो पाया कि उक्त मोबाइल का यूज आकांक्षा की तीन में से एक सहेली कर रही है। उन तीनों से पूछताछ में फिर कई जानकारियां हासिल हुई। फिलहाल पुलिस और भी जानकारी लेने में जुटी हुई है।

फर्जी एड्रेस व सिम ने बढ़ायी प्रॉब्लम
इधर जांच के क्रम में पुलिस को कई फर्जी सिम और एड्रेस का पता चला है। कई सिम ऐसे पते पर लिए गए हैैं, जो अनट्रेस हैैं। आकांक्षा के मोबाइल पर जितने भी नंबर्स से बात की गई है, उनमें कई के सिम का एड्रेस दरभंगा के वैसे इलाकों का दिखाया गया है, जिसका पता भी नहीं चल रहा है। पुलिस ने आशंका जतायी है कि किडनैपर गलत एड्रेस पर सिम ले रहे हैैं औैर उसे लड़कियों को फंसाने के लिए यूज कर रहे हैैं। ये शक तब और पुख्ता हो गया, जब पुलिस ने कॉल डिटेल्स के आधार पर मुर्गा मैदान में रह रहे अजय उपाध्याय को पकड़ा। पुलिस ने जब उसके सिम को वेरिफाई किया, तो पाया कि वह फर्जी सिमकार्ड रखे हुए है। उक्त सिम कार्ड निलेश कुमार-पिता हरिलाल सिंह के नाम पर है। उक्त सिम कार्ड रातू रोड की मेट्रो गली के पास स्थित मेट्रो नामक दुकान से लिया गया था। पूछताछ में अजय ने बताया था कि वह रुपए के लालच में आ गया था। इसलिए उसने अगवा लड़की के घर पर फोन किया था कि उसे मुफ्त में 15 हजार रुपए मिल जाएंगे।

आसिफ की है तलाश
आकांक्षा किडनैपिंग केस में फर्जी सिम कार्ड मिलने की घटना ने जहां पुलिस की टेंशन बढ़ा दी है, वहीं कांके थाना पुलिस को आसिफ नामक युवक की तलाश है। पुलिस मान रही है कि आशीष ही आकांक्षा को लेकर गया है। लेकिन पुलिस का ये भी कहना है कि आशीष कोई भी हो सकता है। हो सकता है कि उसने लड़कियों को झांसे में लेने के लिए अपना छद्म नाम रखा हो। फिलहाल कांके थाना में डोरंडा थाना पुलिस दिल्ली से बरामद कर लाए गए युवक आशीष से पूछताछ कर रही है। डोरंडा की जिस स्कूली छात्रा को युवक भगा कर ले गया था, उसका नाम भी आशीष ही है।

रांग नंबर के बहाने फंसाया
आशिक ने युवती को फंसाने के लिए फोन किया था। फोन पर युवती की आवाज सुनकर रांग नंबर बताकर काट दिया। फिर उसी नंबर से बार-बार कॉल आने लगा। मोबाइल पर ही हुई दोस्ती, फिर प्यार। एक दिन मौका देखकर मोबाइल वाला आशिक लड़की को लेकर रफूचक्कर हो गया। लड़की के गायब होने के मामले में लड़की के पैरेंट्स ने कांके थाने में लापता का सनहा दर्ज कराया था। A