कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक

इससे पहले प्रधानमंत्री आवास भी पर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल और गृह मंत्री सुशील शिंदे मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में अध्यादेश को वापस लेने पर सहमति बनी. सोनिया ने भी राहुल के रुख का समर्थन किया. इस मसले पर पीएम को सहयोगी दलों से बात करने को कहा गया है. अध्यादेश को लेकर आज शाम कैबिनेट की बैठक होनी है.

राहुल ने की पीएम से मुलाकात

कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक से पहले इस मसले पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. प्रधानमंत्री आवास पर तकरीबन आधे घंटे बैठक चली. खबर है कि अध्यादेश पर राहुल ने पीएम के समक्ष अपना पक्ष रखा. सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद राहुल ने कहा कि अध्यादेश पर मैंने अपनी भावनाओं से पीएम को अवगत करा दिया है. उन्होंने कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने का भरोसा दिया है. गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अध्यादेश पर कड़ा विरोध जताया था.

अध्यादेश के पक्ष में सपा, वापस लेने पर विरोध

उधर, समाजवादी पार्टी दोषी सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए जारी इस अध्यादेश को वापस लेने का विरोध कर रही है. सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इस अध्यादेश को वापस नहीं लेना चाहिए. हालांकि, सूत्रों के अनुसार सरकार विवादास्पद अध्यादेश को वापस ले सकती है.

अध्यादेश राष्ट्रपति के पास

यह अध्यादेश अभी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास है, जो 2 अक्टूबर से विदेश दौरे पर रवाना होने वाले हैं. ऐसा माना जाता है कि इस अध्यादेश को लेकर उनकी कुछ आपत्ति है. भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस अध्यादेश को मंजूरी न देने का उनसे अनुरोध किया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की, जिससे ये अटकलें लगाई जाने लगी कि वह इस अध्यादेश को सरकार को लौटा सकते हैं.

फजीहत टालने के लिए राष्ट्रपति से बात

सूत्रों के अनुसार इस फजीहत को टालने के लिए प्रधानमंत्री संभवत: अध्यादेश को वापस लेने की सरकार की योजना के बारे में राष्ट्रपति को बताएंगे. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रुख ने कांग्रेस को अध्यादेश पर फिर से विचार करने के लिए बाध्य किया है. राहुल ने इस अध्यादेश को बकवास बताया है और कहा कि इसे फाड़ कर फेंक देना चाहिए.

कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक

इससे पहले प्रधानमंत्री आवास भी पर कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल और गृह मंत्री सुशील शिंदे मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक में अध्यादेश को वापस लेने पर सहमति बनी. सोनिया ने भी राहुल के रुख का समर्थन किया. इस मसले पर पीएम को सहयोगी दलों से बात करने को कहा गया है. अध्यादेश को लेकर आज शाम कैबिनेट की बैठक होनी है.

राहुल ने की पीएम से मुलाकात

कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक से पहले इस मसले पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. प्रधानमंत्री आवास पर तकरीबन आधे घंटे बैठक चली. खबर है कि अध्यादेश पर राहुल ने पीएम के समक्ष अपना पक्ष रखा. सूत्रों ने बताया कि बैठक के बाद राहुल ने कहा कि अध्यादेश पर मैंने अपनी भावनाओं से पीएम को अवगत करा दिया है. उन्होंने कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करने का भरोसा दिया है. गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस अध्यादेश पर कड़ा विरोध जताया था.

अध्यादेश के पक्ष में सपा, वापस लेने पर विरोध

उधर, समाजवादी पार्टी दोषी सांसदों और विधायकों को बचाने के लिए जारी इस अध्यादेश को वापस लेने का विरोध कर रही है. सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार को इस अध्यादेश को वापस नहीं लेना चाहिए. हालांकि, सूत्रों के अनुसार सरकार विवादास्पद अध्यादेश को वापस ले सकती है.

अध्यादेश राष्ट्रपति के पास

यह अध्यादेश अभी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास है, जो 2 अक्टूबर से विदेश दौरे पर रवाना होने वाले हैं. ऐसा माना जाता है कि इस अध्यादेश को लेकर उनकी कुछ आपत्ति है. भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस अध्यादेश को मंजूरी न देने का उनसे अनुरोध किया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से मुलाकात की, जिससे ये अटकलें लगाई जाने लगी कि वह इस अध्यादेश को सरकार को लौटा सकते हैं.

फजीहत टालने के लिए राष्ट्रपति से बात

सूत्रों के अनुसार इस फजीहत को टालने के लिए प्रधानमंत्री संभवत: अध्यादेश को वापस लेने की सरकार की योजना के बारे में राष्ट्रपति को बताएंगे. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के रुख ने कांग्रेस को अध्यादेश पर फिर से विचार करने के लिए बाध्य किया है. राहुल ने इस अध्यादेश को बकवास बताया है और कहा कि इसे फाड़ कर फेंक देना चाहिए.

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