पंजीकरण के काम में लेट-लतीफी पर डीएम हुए नाराज

DEHRADUN : करीब डेढ़ साल पहले लागू हो चुके क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत अस्पतालों का पंजीकरण कम होने पर डीएम एसए मुरुगेशन ने नाराजगी जताई है और सीएमओ को इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। इस एक्ट के तहत सभी तरह के अस्पतालों, नर्सिग होम्स, मेटरनिटी सेंटर्स और क्लीनिक्स को जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया है।

डीएम ने ली बैठक

डीएम एसए मुरूगेशन ने जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण समिति की बैठक में अस्थाई पंजीकरण के सम्बन्ध में सीएमओ टीसी पंत से जानकारी मांगी। उन्होंने निर्देश दिये कि इस एक्ट को जिले में पालन कराना सुनिश्चित करायें। इसके लिए शासन स्तर पर भी टास्क फोर्स समिति स्टेयरिंग कमेटी बनाये जाने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित करने के भी निर्देश दिये।

क्फ्ख् संस्थान हैं रजिस्टर्ड

सीएमओ ने बताया कि जिले में अब तक क्फ्ख् संस्थान पंजीकृत किये गये हैं। इसमें ख्म् सामान्य अस्पताल, 7 सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल, क्9 एलोपैथिक क्लीनिक, ब्क् आयुर्वेदिक, म् होम्योपैथिक, 9 डेन्टल, ख् इमेंजिंग सेन्टर, क् फिजियोथेरेपी सेन्टर, क्7 पैथोलाजी लैब, ब् प्राकृतिक चिकित्सा क्लीनिक शामिल हैं।

सिंगल विंडो सिस्टम के निर्देश

डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिये कि क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट के तहत पंजीकरण के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करें, ताकि क्लीनिक संचालकों को अन्य विभागों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें। जिस कार्य के लिए क्लीनिक का पंजीकरण किया जा गया है उसके माध्यम से वही कार्य किये जाएं, अन्य कार्य एवं अन्य बीमारी का इलाज करने पर उनके संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

क्या है सीई एक्ट

क्लीनिक एस्टेब्लिस्टमेंट एक्ट प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए लागू किया गया है। इस एक्ट के तहत जिला स्तर पर जिला रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण बनाया गया है। सभी तरह के अस्पतालों का इस प्राधिकरण के तहत रजिस्ट्रेशन किया जाना है। प्राधिकरण में रजिस्टर्ड अस्पतालों और क्लीनिकों पर सरकार का नियंत्रण रहेगा। इन संस्थानों के लिए यह जरूरी होगा कि वे मरीजों को पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखें। इसके अलावा उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित फीस ही लेनी होगी। नियमों का उल्लंघन जुर्माना लगाया जाएगा।