- नए साल के तीसरे माह तक नहीं दिए 2015 का ब्योरा
- 11 फरवरी को आई नेक्स्ट की खबर के बाद 38 ने दिया ब्योरा
- 29 आईपीएस अफसरों ने अभी तक नहीं दिया है संपत्ति लेखा जोखा
-संयुक्त सचिव ने डीजीपी को पत्र भेजकर अधिकारियों से ब्योरा मांगने पर जोर दिया है
PATNA : सम्पत्ति का लेखा जोखा देने में आईपीएस अफसर जमकर मनमानी कर रहे हैं। आलम यह है कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद भी वह अपना ब्योरा नहीं दे रहे हैं। वर्ष ख्0क्म् का तीसरा माह चल रहा है, लेकिन ख्9 अफसरो नें अभी तक ख्0क्भ् को ब्यारो नहीं दिया है। इस मामले में संयुक्त सचिव ने फिर डीजीपी को पत्र जारी कर ऐसे अफसरों की सूची सौंपी है जिन्होंने संपत्ति का ब्योरा अभी तक नहीं दिया है। फरवरी तक यह संख्या म्7 थी और इस पर आई नेक्स्ट ने क्क् फरवरी को खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद फ्8 पुलिस अफसरों ने तो ब्योरा दे दिया लेकिन ख्9 अभी भी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं।
संयुक्त सचिव ने कहा हो रही बड़ी मनमानी
सरकार के संयुक्त सचिव रंजन कुमार सिन्हा ने डीजीपी को फ् मार्च को भेजे गए पत्र में कहा है कि बिहार संवर्ग के ख्9 आईपीएस अफसरों ने अभी तक ख्0क्भ् की सम्पत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। यह अत्यंत गंभीर और चिंताजनक मामला है। चिंता की बात है कि नियम के बाद भी फ्क् जनवरी बीत जाने की लंबी अवधि के बाद भी ख्9 भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारियों द्वारा वांछित सम्पत्ति का विवरण नहीं दिया गया है।
अलिलंब ब्योरा देने का निर्देश
संयुक्त सचिव ने ख्9 पुलिस अधिकारियों को अविलंब ब्योरा देने के लिए डीजीपी से कहा है। कहा कि वह अचल संपत्ति का विवरण विहित प्रपत्र में अविलंब दाखिल करने के लिए डीजीपी कड़ा निर्देश जारी करें। उन्होंने कहा कि वार्षिक अचल संपत्ति विवरण नहीं मिलने से संबंधित पदाधिकारी का निगरानी स्वछता व कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन के संबंध में अग्रेतर कार्रवाई बाधित रहेगी।
हर वर्ष सम्पत्ति का ब्योरा देना आवश्यक
उनका कहना है कि अखिल भारतीय सेवा नियमावली क्9म्8 नियम क्म् -ख् के तहत सभी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को प्रत्येक पंचाग वर्ष की वार्षिक अचल संपत्ति विवरणी अगले वर्ष के पहली जनवरी को उपलब्ध संपत्ति की स्थित पर विहित प्रपत्र फ्क् जनवरी तक दाखिल करना अनिवार्य होता है।
ब्योरा नहीं देने पदोन्नति में मुश्किल
संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले आईपीएस अफसरों की मुश्किल बढ़ सकती है। गृह विभाग के संयुक्त सचिव का निर्देश है कि अफसर जब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं जमा करते हैं तब तक उनकी निगरानी स्वच्छता और कार्य निष्पादन बाधित रहेगी। इससे उनकी पदोन्नति पर असर पड़ेगा, क्योंकि यह सब प्रमोशन के लिए काफी आवश्यक है। इसीलिए सम्पत्ति का ब्योरा हर साल अखिल भारतीय अफसरों को देना पड़ता है।
इन आईपीएस अफसरों ने नहीं दिया ब्योरा
- ए एस राजन
- आलोक राज
- अनिल किशोर यादव
- अमृत राज
- उपेंद्र कुमार सिंहा
- कुंवर सिंह
- मंसूर अहमद
- चंद्रिका प्रसाद
- सौरव कुमार
- अजीत कुमार सत्यार्थी
- विनय कुमार
- कुमार आइक्ले
- राजेंद्र प्रसाद
- एसपी चौधरी
- सुनील कुमार
- सुधीर कुमार सिंह
- अशोक कुमार
- रविंद्र कुमार
- सफीउल हक
- बाबू राम
- जयंत कांत
- एचएस त्रिवेदी
- चंदन कुमार कुश्वाहा
- सत्य प्रकाश
- दीपक रंजन
- डॉ। गौरव मंगला
- उपेंद्र नाथ वर्मा
- रामचंद्र राजगुरु
- राकेश कुमार