-अब उच्च स्तरीय बैठक में लिया जा सकता है फैसला

देहरादून, एसआईटी को लेकर ट्यूजडे को हुई बैठक में कोई भी फैसला नहीं लिया जा सका। माना जा रहा है कि अब एसआईटी को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें एसआईटी के स्वरूप को फाइनल टच दिया जा सकेगा। ट्यूजडे को हुई बैठक में पुलिस व शासन के अधिकारी शामिल हुए।

हड़ताल बनी थी सरकार की मुसीबत

पटवारी व लेखपालों की हड़ताल को लेकर पिछले कई दिनों से एसआईटी की स्वरूप को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इसी संदर्भ में ट्यूजडे को शासन में बुलाई गई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना था। लेकिन विधानसभा सत्र होने व अधिकारियों की व्यवस्तता के बाजवूद शासन में बैठक हुई, मगर कोई फैसला नहीं लिया जा सका। दरअसल, 2014 में जमीनों के खुर्द-बुर्द को लेकर सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। 3500 से ज्यादा मामले पांच सालों में एआईटी के पास पहुंचे। साढ़े पांच सौ से ज्यादा मामलों में केस दर्ज हुए। बताया जा रहा है कि इसमें अधिकतर पटवारियों व लेखपालों की भूमिका नजर आई। इसके विरोध में गत 4 फरवरी से पिछले संडे तक पटवारी व लेखपाल हड़ताल पर रहे। जिससे आम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़े। आखिर में बीते संडे को राजस्व विभाग के सचिव ने पटवारी व लेखपालों के साथ बैठक कर ट्यूजडे की बैठक में राजस्व विभाग का पक्ष रखने का भरोसा दिया। उसके बाद पटवारियों व लेखपालों ने कार्य बहिष्कार स्थगित करने का फैसला लिया।

जल्द होगी उच्चस्तरीय बैठक

इसी क्रम में शासन में एसआईटी को लेकर ट्यूजडे को हुई बैठक में पुलिस विभाग अधिकारी भी शामिल रहे। सूत्रों के अनुसार बैठक में कोई भी फैसला नहीं हो पाया। सूत्र बताते हैं कि शासन कमीश्नर के हाथों में एसआईटी के संचालन की तैयारी कर रही थी। लेकिन अंदरखाने पुलिस विभाग इसको मानने को तैयार नहीं था। पुलिस का तर्क था कि आखिर जांच पुलिस थानों के पास आएगी। बैठक में कोई फैसला न होने पाने के कारण अब एक और उच्चस्तरीय बैठक होगी। जिसमें एसआईटी के स्वरूप को फाइनल टच दिया जा सकेगा।