- अलग अलग संगठनों ने अपने तरीके से मनाया 6 दिसंबर

LUCKNOW :

अलग-अलग संगठनों ने राजधानी में छह दिसंबर अपने-अपने तरीके से मनाया। मुस्लिम संगठनों ने पुतला दहन और ज्ञापन सौंप अपना विरोध दर्ज कराया, वहीं हिंदू संगठनों ने अयोध्या में मंदिर बनाने की बात करते हुए शौर्य दिवस मनाया।

प्रधानमंत्री को 5ोजा ज्ञापन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से उलमा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को डीएम से मुलाकात कर पीएम व सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल बोर्ड सदस्य मौलाना 2ालिद रशीद फरंगी महली ने लिब्राहन कमीशन की रिपोर्ट में मस्जिद की शहादत के जि6मेदारों के 2िालाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस उप्र के पदाधिकारियों ने जब तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद का पुन: निर्माण न हो जाये तब तक इस दिन को कलंक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया।

धरना-प्रदर्शन

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने लक्ष्मण मेला स्थल पर एक दिवसीय धरना दिया, जिसका नेतृत्व लीग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। मुह6मद मतीन ने किया।

शौर्य संकल्प स5ा

विश्व हिंदू परिषद की ओर से अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने की 25वीं बरसी पर शौर्य संकल्प सभा का आयोजन किया गया। अवध प्रांत संगठन मंत्री भोलेंद्र ने सरस्वती शिशु मंदिर के माधव सभागार में आयोजित संकल्प स5ा में कहा कि 5 दिसबंर 1992 को बाबरी मामले पर फैसला आने वाला था लेकिन अगली तारीख लगाकर मामला टाल दिया गया था। जिसके बाद किसी ने प्रतीक्षा नहीं की थी और दूसरे ही दिन जो हुआ उसका पूरा देश गवाह है। इसलिए इस बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है।

बाबर के नाम पर मस्जिद मंजूर नहीं

अगले साल यानी अक्तूबर 2018 तक इसका फैसला आना है। यदि फैसला नहीं आता है तो सुनवाई की बेंच भंग कर दी जाएगी। प्रोग्राम की अध्यक्षता गोपाल दास अग्रवाल ने की। भोलेंद्र ने कहा कि देश में कहीं भी बाबर की नाम की मस्जिद मंजूर नहीं है। जो लड़ाई हम लोग लड़ रहे हैं वह धर्म युद्ध है। मंदिर की लड़ाई ही आखिरी लड़ाई नहीं है।