- कांग्रेस के तीन, बसपा के दो व सपा का एक विधायक

- 11 विधायकों के शामिल होने की थी चर्चा

- नहीं आए सपा के बागी विधायक रामपाल

LUCKNOW: विधानसभा के मानसून सत्र से पहले राजनैतिक दलों में आवाजाही का सिलसिला तेज होता जा रहा है। गुरुवार को कांग्रेस के तीन, बसपा के दो तथा सपा के एक विधायक ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसके साथ ही विधानसभा में भाजपा की ताकत में इजाफा हुआ तो कांग्रेस को बीते चौबीस घंटे के दौरान अपने छह विधायकों से हाथ धोना पड़ा है। मालूम हो कि बुधवार को कांग्रेस के तीन विधायकों ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया था।

बसपा से निकाले जा चुके हैं दोनों विधायक

बसपा से हाल ही में निकाले जा चुके दो विधायकों गोरखपुर के चिल्लूपार से विधायक राजेश त्रिपाठी तथा लखीमपुर के मोहम्मदी से विधायक बाला प्रसाद अवस्थी अब भाजपाई बन चुके हैं । इसके अलावा कांग्रेस के तीन विधायक बहराइच के नानपारा से माधुरी वर्मा, बस्ती के रुधौली से संजय जायसवाल तथा कुशीनगर के खड्डा से विजय दुबे ने भी पाला बदलते हुए भाजपा को अपना नया ठिकाना बनाया है। समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर के जलालपुर से विधायक शेर बहादुर ने भी भाजपा के बैनर तले नई राजनैतिक पारी शुरू की है। शेर बहादुर छह बार विधायक रह चुके हैं, तो वहीं माधुरी वर्मा के पति दिलीप वर्मा भी तीन बार सपा से विधायक रह चुके हैं।

11 विधायकों को होना था शामिल

बुधवार रात से ही भाजपा में करीब 11 विधायकों के शामिल होने की चर्चा थी। गुरुवार सुबह 11 बजे से भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायकों के आने का सिलसिला शुरू हुआ तो सबकी नजरें सपा के बागी विधायक रामपाल को तलाशती रहीं। दरअसल रामपाल के भी आज भाजपा के पाले में आने की अटकलें लगाई जा रही थी लेकिन वे नहीं आए। इसके अलावा सपा के ही भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित और उनके भाई मुकेश शर्मा के भी आज की सदस्यता ग्रहण करने की सूचना थी लेकिन ऐन वक्त पर इसमें बदलाव हो गया। सूत्रों के मुताबिक वे अगले दौर में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

जारी रहेगा आने का सिलसिला

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि अभी तमाम विधायक भाजपा में आने वाले हैं। यह सिलसिला अभी जारी रहेगा। भाजपा ने सूबे को कांग्रेस, सपा, बसपा मुक्त करने का अभियान छेड़ दिया है। बसपा और कांग्रेस में भगदड़ का माहौल है। उन्होंने सपा-बसपा पर आरोप लगाया कि वह दलितों के उत्पीड़न और शोषण की जिम्मेदार है। जिस तरह भाजपा ने 2014 में भारी बहुमत से केंद्र में सरकार बनाई, उसी तरह 2017 और 2019 में भी भारी बहुमत हासिल करेगी।

ये भी भगवा रंग में

नानपारा से पूर्व विधायक दिलीप कुमार वर्मा, चित्रकूट से पूर्व विधायक दिनेश मिश्रा, मलिहाबाद से पूर्व विधायक डॉ। सिद्धार्थ शंकर सिंह, सादात से पूर्व विधायक अंबिका प्रधान, राजधानी के बक्शी का तालाब के पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवदर्शन यादव, अंबेडकरनगर के नगर पालिका अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश वर्मा, अखिल भारतीय पूवरंचल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत मिश्रा, पूर्व आईएएस गोरख प्रसाद पासवान, सिद्धार्थनगर से बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी चौधरी अमर सिंह, पूर्व आईएएस बाबूराम, ब्लाक प्रमुख शंशाक दूबे, सीताराम वर्मा, कृपा शंकर मौर्य के अलावा सैकड़ो ग्राम प्रधान एवं बीडीसी सदस्यों एवं उनके समर्थकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।

और पार्टी में विरोध के सुर

अन्य दलों के विधायकों के पार्टी में लगातार आने से भाजपा में असंतोष बढ़ने लगा है। बस्ती के रुधौली से विधायक संजय जायसवाल के भाजपा में शामिल होने के विरोध में वहां के भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा पार्टी में भी यह चर्चा रही कि यदि दलबदलू नेताओं को टिकट भी मिलने लगा तो ऐसे नेताओं का क्या होगा जो लंबे समय से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि केशव मौर्य का दावा है कि पार्टी ने किसी भी विधायक को टिकट के लिए फिलहाल कोई आश्वासन नहीं दिया है।