एक्सपर्ट से जानकारी लें:

शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले इधर उधर के लोगों की सलाह से की बजाय किसी बड़े एक्सपर्ट से इसकी पूरी जानकारी ले लें। इसके अलावा बड़े समाचार पत्रों से भी इसकी जानकारी ले सकते हैं।  इंटरनेट पर भी कुछ एक कपंनियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें।

नियमित रूप से इन्वेस्ट:

शुरुआत में नाम मात्र के इन्वेस्ट का ही प्लान करें। एकदम से बड़ी रकम दांव पर लगाना कई बार सही फैसला नहीं होता है। शेयर बाजार में यह माना जाता है कि यहां पर एक साथ बड़ा निवेश करने की बजाय धीरे धीरे अपनी पूंजी का एक एक हिस्सा नियमित रूप से इन्वेस्ट करना ठीक होता है।

लंबी अवधि तक इन्वेस्ट:

शेयर में इन्वेस्ट करने से पहले यह जान लें कि यहां पर जितना ज्यादा समय उतना फायदा और जितना कम समय उतना ज्यादा जोखिम होता है। ऐसे में कोशिश करें की इसमें कम से कम 3 साल तक की न्यूनतम अवधि तक इन्वेस्ट करना चाहिए।

बड़ी कंपनियां फायदेमंद:

शेयर निवेश करने से पहले शेयर बाजार में मौजूद कंपनियों पर नजर रखें। इस दौरान अगर कमजोर विकास दर या महंगाई दर ज्यादा हो तो बड़ी कंपनियों के शेयर अच्छी स्थिति में होते हैं। जिससे हमेशा ध्यान रखें कि कमजोर बाजार में बड़ी कंपनियां फायदेमंद होती हैं।

कोई डाउट हो तो न करें:

निवेश एक ही क्षेत्र में करने से बचना चाहिए। इसके अलावा जिस कंपनी में निवेश कर रहे हैं उसके बारे में अगर थोड़ा सा भी डाउट हो तो उसमें इन्वेस्ट करने से बचें। वहीं साथ में यह भी देख लें कि ईक्विटी, एफडी, प्रैफरेंस शेयर आदि में कौन सा शेयर लेना है।

आर्थिक स्थिति असर नहीं:

रिस्क प्रोफाइल जानना बेहद जरूरी है। यानी कि कितना रिस्क ले सकते हैं और इतने रिस्क तक आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। यह बात तो साफ है कि  रिस्क लेवल में निवेश पर नुकसान होने से भी आर्थिक स्थिति पर खास असर नहीं आएगा।

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